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उपराष्ट्रपति ने 'मोदी घटना' की व्याख्या की; उन्होंने कारण सबंधी कारकों और विशेषताओं को रेखांकित किया

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Updated Thu, 12 May 2022 10:29 IST

उपराष्ट्रपति ने 'मोदी घटना' की व्याख्या की; उन्होंने कारण सबंधी कारकों और विशेषताओं को रेखांकित किया


भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को आधुनिक भारत के सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित नेताओं में से एक बताया है। उन्होंने आज श्री मोदी की विशेषताओं और इसमें योगदान देने वाले अन्य कारकों के विस्तृत विवरण के साथ 'मोदी घटना' की व्याख्या की। श्री नायडू ने 'मोदी @ 20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी' नामक पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक में 22 क्षेत्रों के विशेषज्ञों के 21 लेखों का संकलन है, जिसमें 2001 से लेकर अगले 20 वर्षों तक गुजरात के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में श्री मोदी की सोच व प्रदर्शन के विभिन्न पहलुओं को सामने लाया गया है।

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन के 35 मिनट में श्री मोदी के मस्तिष्क, तरीकों और सोच के बारे बताया। उन्होंने आगे उन विभिन्न विशेषताओं को सूचीबद्ध किया, जिन सब ने मिलकर श्री मोदी को एक ऐसे अद्वितीय नेता और प्रदर्शक बनाया, जिन्होंने पहले गुजरात और अब प्रधानमंत्री के रूप में भारत के हित को आगे बढ़ाने का काम किया है।

श्री नायडू ने प्रधानमंत्री की सफलता को रेखांकित करने वाली विशेषताओं का उल्लेख करने के साथ इन्हें सूचीबद्ध किया: 1. व्यापक यात्राओं व सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यों के जरिए खुद, जनता और देश की खोज में 17 वर्ष की अल्पायु में घर छोड़ने के बाद श्री मोदी की शुरुआती अनुभवात्मक यात्रा; 2. भारतीयों व भारत के संघर्षों और उनकी क्षमता की गहरी समझ; 3. व्यक्तियों और भारत की क्षमता में अडिग विश्वास; 4. बड़ा सपना देखने का साहस और संकल्प को सिद्धि में बदलने का दृढ़ता; 5. बड़ा सोचना और बड़े पैमाने पर कार्रवाई करना; 6. साहसिक निर्णय लेने की क्षमता; 7. अस्थायी विफलताओं व प्रासंगिक आश्चर्यों से विचलित नहीं होना; 8. जोश, ऊर्जा और कड़ी मेहनत; 9. अलग तरह से सोचना और कार्रवाई करना; 10. आपदा को अवसर में बदलना; 11. लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नीति निर्माण और निष्पादन के लिए नीचे से ऊपर की ओर दृष्टिकोण अपनाना; 12. मुद्दों और परिणामों के विवरण व व्यापक मूल्यांकन के लिए खोज; 13. राष्ट्रीय स्तर पर नीतियों और कार्यक्रमों के साक्ष्य आधारित निर्माण के लिए गुजरात में किए गए प्रयोगों के अनुभवों और परिणामों को नियोजित करना; 14. प्रभावी शासन के लिए प्रौद्योगिकी को व्यापक रूप से अपनाना और 15. 'प्रदर्शन, सुधार और परिवर्तन' के मंत्र का उत्साहपूर्वक प्रचार।

 

उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री के सबसे उत्कृष्ट और परिवर्तनकारी नेतृत्व का उल्लेख किया। श्री नायडु ने कहा, "यहां तक कि उनके विरोधी भी इस बात से सहमत हैं कि श्री मोदी अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसे कारक हैं, जिनके कारण भारत का आदर और सम्मान किया जा रहा है।"

श्री नायडू ने कहा कि श्री मोदी की सोच को गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पहले उनकी कई वर्षों की लंबी अनुभवात्मक यात्रा ने आकार दिया है। उपराष्ट्रपति ने आगे जोर देकर कहा, "यह मूलभूत अंतर है, जो श्री मोदी को कई मायनों में अद्वितीय बनाता है। समकालीन दौर में शायद कोई अन्य सार्वजनिक हस्ती नहीं हैं, जिन्होंने इस तरह की अनुभवात्मक यात्रा की हो।” उन्होंने आगे कहा कि देश के लिए प्रधानमंत्री की सोच पहले एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में और बाद में एक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान संचित कई अनुभवों की अभिव्यक्ति और घोषणा है।

 

उपराष्ट्रपति ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री के रूप में प्रधानमंत्री के साथ अपने काम को भी याद किया। श्री नायडू ने मजबूत व विफलता से रहित योजना और इसके निष्पादन को सक्षम करने के लिए हर मुद्दे के विवरण के लिए श्री मोदी की उत्सुकता के बारे में विस्तार से बताया। श्री नायडू ने विशेष रूप से स्वच्छ भारत अभियान को एक नियमित सरकारी कार्यक्रम की जगह एक 'जन आंदोलन' बनाने के लिए श्री मोदी की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, एक ऐसा दर्शन जो प्रधानमंत्री की सभी पहलों को चिह्नित करता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि विशालकाय समस्याओं के साथ भारत के बड़ी संख्या में होने के बारे में जागरूक होने के कारण प्रधानमंत्री श्री मोदी बडे पैमाने पर और तेजी से सोचते हैं। इसके परिणामस्वरूप वंचितों के 45 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं, गरीबों के जीवन की गरिमा के लिए 12 करोड़ से अधिक शौचालय व 3 करोड़ आवास बनाए गए हैं, उद्यमियों को  मुख्यधारा में लाने के लिए 5 करोड़ मुद्रा ऋण स्वीकृत किए गए हैं, तकनीक का प्रभावी ढंग से उपयोग करके डीबीटी के तहत 320 योजनाओं के अधीन लाभार्थियों को 20 करोड़ रुपये से अधिक हस्तांतरित किए गए हैं, गरीब महिलाओं को रसोई में जलावन का उपयोग करने के कष्ट से मुक्ति दिलाने के लिए 8 करोड़ एलपीजी सिलेंडर दिए गए हैं और 19 करोड़ घरों को नल से जलापूर्ति सुनिश्चित की गई है।

 

श्री नायडू ने पहले लागू की गई विभिन्न योजनाओं का सफलतापूर्वक विस्तार करने के लिए प्रधानमंत्री को एक 'वैज्ञानिक' के रूप में वर्णित किया, जब श्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने परिणामों के आधार पर इस तरह की परियोजनाओं व योजनाओं के साक्ष्य आधारित निर्माण को सक्षम किया।

 

श्री मोदी को 'चुनावी मशीन' बताए जाने का उल्लेख करते हुए श्री नायडू ने कहा कि उनके लिए चुनाव, राजनीति का परिणाम नहीं है, बल्कि आम लोगों के जीवन संदर्भों की गहरी समझ और उनकी आकांक्षाओं में गहरी अंतर्दृष्टि के साथ सामाजिक विज्ञान का गठन है, जो श्री मोदी को एक सफल कैम्पैनर (अभियानकर्ता) बनाते हैं।

श्री नायडू ने हर एक सफल चुनाव में लोगों की रुचि जगाकर देश में लोकतंत्र को गहरा करने में श्री मोदी के योगदान की सराहना की है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद को ऐसा साबित किया है, जो किए गए वादों को पूरा करते हैं और इस तरह लोगों की आशाओं व आकांक्षाओं पर खरा उतरते हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोग श्री मोदी को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखते हैं जो उनके टूटे हुए सपनों की ठीक करेंगे और भारत की समृद्धि को बहाल करेंगे। श्री नायडू ने श्री मोदी की राजनीति को एक 'आशा' के रूप में वर्णित किया।

 

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री श्री मोदी की क्षमता, गतिशीलता और स्थिरता (लोकसभा में आवश्यक बहुमत के साथ) भारत को समृद्धि की ओर ले जा रही है।" श्री नायडू ने इस बात पर जोर दिया कि चूंकि भारत अभी भी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में विकास संबंधी कमियों का सामना कर रहा है और उन अंतरालों को समाप्त करने के लिए उत्सुक है, श्री मोदी केवल नीतियों और योजनाओं के धीमे कार्यान्वयन को लेकर अधीर हैं, क्योंकि वे कार्यान्वयन के पैमाने और गति के लिए इच्छुक हैं।

 

श्री नायडू ने कहा कि मोदी ‘मिशन ऑफ मेकिंग ऑफ डिवेलप्ट इंडिया’ के बारे में हैं। उन्होंने विभिन्न राज्यों के सत्ताधारी दलों से देश को आगे बढ़ाने के लिए सभी उपलब्ध विकासात्मक और लोकतांत्रिक मंचों का प्रभावी उपयोग करने का अनुरोध किया। उपराष्ट्रपति ने आगे इस मिशन को साकार करने के लिए सभी तनावों से मुक्त होकर देश में शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने इस कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। इसके अलावा अन्य वरिष्ठ मंत्री, संसद सदस्य, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


 

 

 

 

 

 

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