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Updated Tue, 21 Dec 2021 14:27 IST
नई दिल्ली. दिल्ली में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को लेकर अब दिल्ली सरकार ने अपनी तैयारियों को और रफ्तार देने की तैयारी कर ली है. सरकार आने वाले दिनों में हेल्थ सिस्टम और इन्फ्रांस्ट्रक्चर से जुड़े कई और बड़े अहम फैसले लेने जा रही है. कोविड-19 मैनेजमेंट से जुड़ी उन सभी गतिविधियों को वार लेवल पर शुरू करने जा रही है जिनको हालात सुधरने के बाद साइड में कर दिया गया था.
कोविड हेल्पलाइन नंबर 1031, होम आइसोलेशन को मजबूत बनाने, हेल्थ असिस्टेंट को ट्रेंड करने और बेड्स, दवाईयों और ऑक्सीजन की पर्याप्त सुविधा इन सभी पर फिर से जोर शोर से काम करने की तैयारी में है. वैक्सीनेशन को लेकर भी बड़ा कदम उठाएगी.
सरकार का कहना है कि ओमिक्रॉन से घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है. दिल्ली सरकार इससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. बेड व ऑक्सीजन की पूरी व्यवस्था कर ली है और किसी भी तरह की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी. वहीं अब इससे सख्ती से निपटने के लिए यह भी फैसला लिया गया है कि दिल्ली में अभी तक एयरपोर्ट पर लोगों की जीनोम जांच की जा रही थी, लेकिन अब सभी पॉजिटिव मामलों की जिनोम जांच की जाएगी. इससे यह पता चल सकेगा कि दिल्ली में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, तो कौन से केस बढ़ रहे हैं?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि इससे निपटने के लिए होम आइसोलेशन प्रोग्राम को और अधिक मजबूत करने और अच्छे से प्रबंधन के लिए 23 दिसंबर को एक अहम बैठक भी बुलाई गई है. केंद्र सरकार से निवेदन भी किया है कि जो लोग दोनों डोज ले चुके हैं, उनको बूस्टर डोज देने की इजाजत दी जाए, ताकि लोग और सुरक्षित हो सकें.
इस बीच देखा जाए तो एक्सपर्ट का मानना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट बहुत ज्यादा तेजी से फैलता है, लेकिन इसके लक्षण बहुत ही हल्के होते हैं. इसमें हल्का बुखार होता है और बहुत कम मरीजों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है. इसके अलावा, इसमें मौत के भी बहुत कम संभावना है. इसलिए इससे घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है.
विशेषज्ञ कह रहे हैं कि इसके लक्षण बहुत हल्के हैं. सरकार का कहना है कि अगर आपको अस्पतालों और दवाइयों की जरूरत भी पड़ेगी, तो दिल्ली सरकार ने सारे इंतजाम कर रही है. अस्पताल में बेड भी मिलेंगे और ऑक्सीजन की भी हमने पूरी व्यवस्था कर ली है. हम किसी तरह की कोई कमी नहीं होने देंगे.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि शायद इसमें हमें सबसे ज्यादा होम आइसोलेशन की जरूरत पड़ेगी. होम आइसोलेशन के प्रोग्राम को और सुदृढ़ किया जाएगा, क्योंकि अधिकांश मरीज घर के अंदर ही ठीक होंगे. इस पर 23 दिसंबर को एक अहम बैठक की जाएगी.
हर रोज बढ़ने वाले मामलों ने बढ़ाई सरकार की चिंता
इस बीच देखा जाए तो दिल्ली में लगातार कोरोना के केस पिछले कुछ दिनों से बढ़ने लगे हैं. इससे पहले हर रोज 15 से 20 केस आ रहे थे, लेकिन अब इनका आंकड़ा 100 के पार होने लगा है. अब सरकार इस तरह के केसेज का पता लगाने का प्रयास करेगी कि आखिर ये कौन से हैं? क्या यह ओमिक्रॉन है या यह पुराना वाला वायरस है या नए वाला वायरस है? अभी तक केवल एयरपोर्ट पर जो लोग आ रहे थे, उनकी जांच की जा रही थी. अब यह तय किया है कि जितने भी पॉजिटिव केस दिल्ली के अंदर निकलेंगे, उन सभी की जिनोम टेस्टिंग करवाएगी जाएगी.
जिनोम टेस्टिंग से पता चल सकेगा कि उस व्यक्ति में कोरोना है, तो कौन सा वाला कोरोना है? उसमें डेल्टा वाला कोरोना है या ओमिक्रॉन वाला कोरोना है. इससे पता चलेगा कि दिल्ली के अंदर कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, तो यह कौन से केस बढ़ रहे हैं.
दिल्लीवालों ने मास्क पहनना किया बंद, इसको जरूर पहनने की अपील
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लोगों से अपील कर रहे हैं कि वह मास्क पहनना नहीं छोड़ें. आजकल देखा जा रहा है कि मार्केट या कहीं भी जाते हैं, तो मास्क पहनना बंद कर दिया है. दिल्ली में रहने वाले सभी लोगों से हाथ जोड़कर अपील करते हैं कि सभी लोग दोबारा मास्क पहनना शुरू कर दीजिए.
99 फीसदी को लगाई जा चुकी है पहली डोज
वैक्सीनेशन के प्रोग्राम को भी सरकार और तेजी के साथ पूरा करने की कोशिश में है. अब तक करीब 99 फीसदी लोगों को वैक्शन की पहली डोज दे दी जा चुकी है और 70 फीसदी लोगों को दूसरी डोज भी दे दी है. अब सरकार लोगों की इम्युनिटी को बूस्ट करने के लिए बूस्टर डोज दिलाने की तैयारी कर रही है. लेकिन यह तभी होगा जब केंद्र सरकार बूस्टर डोज लगाने की अनुमति देगी. सरकार के पास इसको लगाने का पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर भी है. अनुमति मिलने के बाद सबसे पहले इसको हेल्थ वर्कर्स को दिया जा सकेगा.
64-65 हजार बेड्स तैयार करने की है तैयारी
दिल्ली सरकार की तैयारी 64-65 हजार बेड्स तैयार करने की है. मौजूदा समय में दिल्ली सरकार ने 30 हजार ऑक्सीजन बेड्स पहले ही तैयार कर लिया है, जिसमें 10 हजार आईसीयू बेड हैं. इसके अलावा, दिल्ली सरकार फरवरी तक और 6800 आईसीयू बेड तैयार कर लेगी. साथ ही, इस तरह की व्यवस्था की गई है कि जरूरत पड़ने पर दो हफ्ते की नोटिस पर दिल्ली के हर वार्ड में 100-100 ऑक्सीजन बेड तैयार कर लिए जाएंगे. इसके अलावा, 32 किस्म की दवाइयों को दो महीने का बफर स्टॉक ऑर्डर दिया जा चुका है, ताकि दवाइयों की कमी न पड़े.
विशेषज्ञ डॉक्टर्स, नर्सेज व मेडिकल छात्रों को दी स्पेशल ट्रेनिंग
कोरोना की संभावित लहर के मद्देनजर मैन पावर की कमी न हो, इसके लिए केजरीवाल सरकार ने विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ मेडिकल स्टूडेंट्स, नर्सेज और पैरामेडिकल स्टॉफ को कोविड प्रबंधन का विशेष प्रशिक्षण दिया है. केजरीवाल सरकार ने कुल 15370 डॉक्टर, नर्सेज, मेडिकल स्टूडेंट्स और पैरामेडिक्स को प्रशिक्षण दिया है, जिसमें 4673 डॉक्टर, 1707 मेडिकल छात्र, 6265 नर्स और 2726 पैरामेडिक्स शामिल हैं. इन्हें ऑक्सीजन थेरेपी, कोविड प्रबंधन, पीडियाट्रिक वार्ड कोविड प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया है.
ट्रेंड 5 हजार हेल्थ असिस्टेंट की जरूरत पड़ने पर ली जाएगी मदद
केजरीवाल सरकार ने कोरोना की संभावित लहर को ध्यान में रखते हुए पांच हजार हेल्थ असिस्टेंट तैयार किए हैं. जरूरत पड़ने पर सरकार इन हेल्थ असिस्टेंट की भी मदद ले सकेगी. हेल्थ असिस्टेंट को नर्सिंग, पैरामेडिक्स, होम केयर, ब्लड प्रेशर मापने, वैक्सीन लगाने समेत अन्य बेसिक ट्रेनिंग दी गई है. आवश्यकता पड़ने पर हेल्थ असिस्टेंट, डॉक्टर और नर्स के असिस्टेंट के रूप में काम करेंगे और खुद से कोई निर्णय नहीं लेंगे.
कोविड हेल्पलाइन नंबर 1031 की ले सकते हैं मदद
केजरीवाल सरकार ने कोविड मरीजों को किसी भी दिक्कत के दौरान मदद के लिए कोविड हेल्पलाइन नंबर 1031 जारी किया है. यह हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे काम करता है. इसमें तीन शिफ्टों में 25 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं, जो 600 से 700 कॉल अटेंड कर सकते हैं. अगर कॉल संख्या में वृद्धि होती है, तो इसे बढ़ा दिया जाएगा. कोई भी हेल्पलाइन नंबर पर काल कर ऑक्सीजन सिलेंडर, टेली परामर्श, पल्स ऑक्सीमीटर, मेडिसिन किट, वैक्सीनेशन, अस्पताल में बेड की उपलब्धता, होम आइसोलेशन, एंबुलेंस सेवा, टेस्ट समेत अन्य जानकारी प्राप्त कर सकता है.
मेडिकल ऑक्सीजन इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही सरकार
केजरीवाल सरकार दिल्ली में मेडिकल ऑक्सीजन इंफ्रास्ट्रक्चर को और अधिक मजबूत करने पर काम कर रही है जिससे कि ऑक्सीजन की अधिक मांग बढ़ने पर उसकी आपूर्ति की जा सके. इसके लिए मेडिकल ऑक्सीजन इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया जा रहा है. दिल्ली सरकार ने 442 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भंडारण की अतिरिक्त क्षमता बना ली है और दिल्ली में 121 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भी बननी चालू हो गई है.
आपातकालीन उपयोग को 6,000 सिलेंडर रिजर्व में रखे
आपातकालीन उपयोग के लिए 6,000 ‘डी’ टाइप के सिलेंडर रिजर्व में रखे गए हैं. दिल्ली में पहले ऑक्सीजन रिफिलिंग क्षमता एक दिन में 1,500 सिलेंडर थी. अब इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए 12.5 मीट्रिक टन की क्षमता के दो क्रॉयोजेनिक प्लांट स्थापित किए गए हैं, जिससे प्रतिदिन अतिरिक्त 1,400 जंबो सिलेंडर भरे जा सकेंगे. वहीं सभी छोटे-बड़े ऑक्सीजन टैंकों में टेलीमेट्री उपकरण स्थापित किया जा रहा है ताकि ऑक्सीजन की उपलब्धता का वास्तवित डेटा मिलता रहे.