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16 Dec, 2025
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Updated Wed, 24 Mar 2021 10:40 IST
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। चीन और पाकिस्तान मिलकर भी श्रीलंका को संकट से नहीं उबार सके। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में श्रीलंका के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर चीन, पाकिस्तान और रूस ने इसके विरोध में मतदान किया, लेकिन वह श्रीलंका को इस सकंट से नहीं निकाल पाए। ब्रिटेन की ओर से लाए गए इस प्रस्ताव पर 22 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि 11 देशों ने विरोध में मतदान किया। भारत और जापान समेत 14 देश अनुपस्थित रहे। इस प्रस्ताव के पारति होने से श्रीलंका को बड़ा झटका लगा है। इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद श्रीलंका लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के साथ चले लंबे गृहयुद्ध के दौरान हुए युद्ध अपराध अब संयुक्त राष्ट्र की जांच के दायरे में आ गया है। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र की इस संस्था को श्रीलंका में युद्ध अपराधों की जांच, जानकारी जुटाने और साक्ष्य एकत्र करने का अधिकार मिल गया है। आखिर भारत इस प्रस्ताव पर वोट के दौरान क्यों अनुपस्थित रहा। भारत के इस कदम के क्या संदेश हैं।
UNHRC में भारत की अनुपस्थित के चार बड़े फैक्टर
संयुक्त राष्ट्र की जांच के दायरे में आया श्रीलंका
सवाल यह है कि इस प्रस्ताव के पारित हो जाने के बाद श्रीलंका पर इसका क्या असर होगा। दरअलस, इस प्रस्ताव के पारति हो जाने के बाद श्रीलंका में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के साथ चले लंबे गृहयुद्ध के दौरान हुए युद्ध अपराध संयुक्त राष्ट्र की जांच के दायरे में आ गए हैं। इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया गया। इससे यूएन की इस संस्था को श्रीलंका में युद्ध अपराधों की जांच, जानकारी जुटाने और साक्ष्य एकत्र करने के अधिकार मिल गए हैं।
तीन दशक चला था गृहयुद्ध
गौरतलब है कि श्रीलंका में करीब तीन दशक चला गृहयुद्ध वर्ष 2009 में खत्म हुआ था। लिट्टे के खिलाफ अंतिम दौर की लड़ाई में श्रीलंकाई सेना पर बड़े पैमाने पर युद्ध अपराध के आरोप लगाए गए थे। हालांकि, श्रीलंका इससे इन्कार करता रहा है। जबकि कई देश इसकी अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग करते रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूहों का दावा है कि लिट्टे से निर्णायक लड़ाई में करीब 40 हजार तमिल नागरिकों की हत्या हुई थी। जबकि संयुक्त राष्ट्र का मानना कि 26 वर्ष चले गृहयुद्ध में करीब एक लाख लोगों की मौत हुई।







