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Updated Sat, 5 Mar 2022 20:11 IST
यूक्रेन को नो फ्लाइंग जोन घोषित करने से मना करने पर राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की NATO पर काफी भड़के हुए हैं. उनका कहना है कि पश्चिमी सैन्य गठबंधन ने ऐसा न करके अब रूसी हमलों को और बढ़ावा दे दिया है. ऐसे में कुछ लोगों के मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर यह नो-फ्लाइंग जोन होता क्या है और यह लागू होने के बाद क्या बदलाव आते हैं? आइए जानते हैं नो फ्लाइंग जोन के बारे में.
नो-फ्लाइंग जोन का मतलब होता है वह क्षेत्र जिसके ऊपर से कोई भी हवाई जहाज, लड़ाकू विमान, हैलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सके. कई बार सुरक्षा व्यव्स्था को ध्यान में रखते हुए संवेदनशील इलाकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए इसका ऐलान किया जाता है. इसके अलावा भी किसी खास मौके पर किसी निश्चित इलाके को नो-फ्लाईंग जोन घोषित कर दिया जाता है.
ऐसी हालत में सवाल उठ रहा है कि क्यों NATO यूक्रेन में नो फ्लाइंग जोन लागू करने से मना कर रहा है. बता दें कि NATO का मानना है अगर अमेरिका समेत NATO के सहयोगी यूक्रेन को नो-फ्लाइंग जोन का ऐलान करता है तो पहले से जो तनाव और अतिक्रमण जारी है वह और बढ़ सकता है और माहौल बिगड़ सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि जब अमेरिकी फौज रूसी सैनिकों से लड़ रही होंगी तो यह आधिकारिक तौर पर जंग की शुरुआत हो सकती है.