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चीन ने भारतीय सीमा के नजदीक क्यों तैनात किए सैन्य रसोइए और डॉक्टर?

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Updated Wed, 9 Feb 2022 12:47 IST

चीन ने भारतीय सीमा के नजदीक क्यों तैनात किए सैन्य रसोइए और डॉक्टर?

लद्दाख सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन को लेकर विवाद जारी है. इस बीच चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को लेकर एक हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है. PLA भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास बुनियादी ढांचे के निर्माण और रखरखाव के लिए दूरदराज के गांवों के निवासियों की मदद कर रही है. PLA स्थानीय तिब्बतियों को चीनी पकवान बनाना सीखाने के लिए सेना के रसोइयों को तैनात कर रही है. वहीं, इस इलाके में डॉक्टर भी तैनात किए गए हैं.

24x7newspoint की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हफ्ते एक आधिकारिक सैन्य पोर्टल में स्पॉट रिपोर्ट का फोकस चीन के आखिरी बड़े सीमावर्ती गांव युमई पर था. ये गांव अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले से केवल कुछ किलोमीटर दूर है. लोंगजी काउंटी में युमई गांव तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (TAR) शन्नान क्षेत्र में स्थित है. ये इलाका भारत और भूटान की सीमा से लगता है. इसे चीन का पहला ‘अच्छी तरह से बंद गांव’ माना जाता है. इस गांव ने 2017 में चीन में खूब सुर्खियां बटोरीं थीं, जब राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तिब्बती चरवाहों के एक परिवार को एक पत्र लिखा था.

गांव में रह रहे हैं दर्जनों परिवार
शी जिनपिंग ने अपने पत्र में आशा व्यक्त की थी कि वे अधिक चरवाहों को गलसांग फ्लॉवर की तरह सीमावर्ती क्षेत्र में बसने और चीनी क्षेत्रों के संरक्षक बनने के लिए प्रेरित करेंगे. कहा जाता है कि कुछ दशक पहले तक ये गांव एक ही परिवार का घर था, लेकिन अब इस गांव में अब दर्जनों परिवार रहते हैं. सैन्य पोर्टल न्यूज रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के सालों में युमई में एक डामर की सड़क का उद्घाटन किया गया है. यहां पर स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों, पुलिस स्टेशनों, अन्य सार्वजनिक सेवा संस्थानों और यूनिट्स का निर्माण किया गया है. इसके बाद ये यहां पर अधिक से अधिक लोग आए हैं.

200 से अधिक लोगों का है ठिकाना
रिपोर्ट में गांव की आबादी या अधिक से अधिक लोग इस दूरस्थ स्थान पर क्यों जा रहे हैं, इसका उल्लेख नहीं किया गया है. सरकार द्वारा नियंत्रित चाइना डेली अखबार में अगस्त 2021 की एक समाचार रिपोर्ट में कहा गया था कि उस समय गांव में 200 निवासी थे. इस रिपोर्ट में कहा गया कि ‘थ्री-पर्सन टाउनशिप’ का विस्तार एक ऐसे स्थान में हुआ, जिसमें 1999 में 20 और 2009 में 30 निवासी थे. वर्तमान में, यहां पर 67 परिवारों के 200 से अधिक निवासी के साथ रह रहे हैं. इसे अच्छी तरह से और सुंदर जगह के रूप में मान्यता प्राप्त है. वहीं, यहां रहने वाले ग्रामीण अब बारी-बारी से सीमा पर गश्त कर रहे हैं.

 

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