- रूस और यूक्रेन के बीच मौजूदा संकट के केंद्र में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी सहित 30 देशों का एक समूह नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) है.
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यूक्रेन इस समूह ( नाटो) में शामिल होना चाहता है. इस समूह में रूस का कट्टर प्रतिद्वंदी अमेरिका भी शामिल है. वहीं, नाटो भी यूक्रेन को अपना सदस्य बनाने के लिए तैयार है. इसके कारण मास्को काफी परेशान है.
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रूस नहीं चाहता कि नाटो, यूक्रेन को अपना सदस्य बनने दें. क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो वह समूह के साथ मिलकर अपनी शक्ति बढ़ाएगा. दूसरा बड़ा कारण यह भी है कि नाटो का कोई सदस्य देश किसी बाहरी हमले की स्थिति में सभी सदस्य देशों के सामूहिक समर्थन को पा सकेगा.
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कीव को इस बात का डर है कि रूस उस पर हमला कर देगा, क्योंकि इससे पहले रूस क्रीमिया को उससे अलग कर चुका है. इधर, अमेरिकी चिंतक ब्रूकिंग्स ने लिखा है कि ‘ मास्को का क्रीमिया पर कब्जा’ दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे बड़ा भूमि-कब्जाना था.
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सामूहिक रक्षा के सिद्धांत के अनुसार, नाटो अपने एक या कई सदस्यों के खिलाफ हुए हमले को सभी के खिलाफ हमला मानता है. यह सामूहिक रक्षा का सिद्धांत है, जो वाशिंगटन संधि के अनुच्छेद 5 में निहित है. इस नियम को लेकर रूस चिंतित है.
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यही कारण है कि रूस, यूक्रेन की नाटो सदस्यता का विरोध करता है. रूस को यह डर भी सताता है कि अगर यूक्रेन, नाटो का सदस्य बन जाए, तो संभव है कि वह सैन्य कार्रवाई से क्रीमिया को वापस लेने की कोशिश कर सकता है
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राष्ट्रपति पुतिन ने हाल ही में ऐसी स्थिति होने की कल्पना जाहिर करते हुए सवाल पूछा था. उन्होंने कहा था कि ‘आइए, कल्पना करें कि यूक्रेन, नाटो का सदस्य बन जाता है और वह सैन्य अभियानों को शुरू करता है. तब ऐसी स्थिति में क्या हमें नाटो के साथ युद्ध करना चाहिए? क्या किसी ने इस पर कोई विचार दिया है? जाहिरा तौर पर नहीं.’
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इन्हीं कारणों से रूस, पश्चिम से नाटो बलों को पूर्वी यूरोप से बाहर निकालने और यूक्रेन में कभी विस्तार न करने की मांग कर रहा है. उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा है कि रूस के लिए यह सुनिश्चित करना सबसे जरूरी है कि यूक्रेन कभी भी नाटो का सदस्य न बने.
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रूस ने हाल ही में अमेरिका और नाटो से कानूनी सुरक्षा गारंटी पर मसौदा दस्तावेज साझा किए. इस समझौते के अनुच्छेद 4 में कहा गया है कि रूसी संघ और सभी पक्ष जो क्रमशः 27 मई 1997 तक नाटो के सदस्य राज्य थे. यूरोप के किसी भी अन्य राज्य के क्षेत्र में 27 मई 1997 तक उस क्षेत्र पर तैनात बल के अतिरिक्त, अन्य सैन्य बलों और हथियारों को तैनात नहीं करेंगे.
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दस्तावेज के अनुच्छेद 6 में कहा गया है कि नाटो के सभी सदस्य, यूक्रेन के साथ-साथ अन्य राज्यों के परिग्रहण सहित, नाटो के किसी भी और विस्तार से बचने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करते हैं.