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Updated Thu, 24 Feb 2022 23:50 IST
शहर में रेप से जुड़े केसेज प्रतिदिन सामने आते रहते हैं. ऐसे में इन मामलों में फंसे अपराधी कोर्ट के सामने अलग अलग तरह के तर्क देते हैं ताकि सजा से बच सकें. रेप के एक मामले में ऐसा ही कुछ अजीबो गरीब एक अपराधी ने दिया था, जिसे दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. आरोपी ने कोर्ट के सामने यह तर्क दिया था कि वह 11 साल की लड़की से प्यार करता है और इसी कारण उसके साथ सेक्सुअल रिलेशन बनाने का प्रसाय किया था. इस पर कोर्ट का कहना था कि 12 साल तक के बच्चे अलैंगिक होते हैं.
दरअसल 17 जून 2017 को नांगलोई में बिल्डिंग की छत पर आरोपी ने लड़की का यौन शोषण किया था. तब लड़की की उम्र 11 साल थी. इसी मामले में आरोपी ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह लड़की से प्यार करता था और इसी कारण उसके साथ संबंध बनाने की कोशिश की थी. इस पर कोर्ट ने आरोपी की यह दलील खारिज करते हुए कहा कि कोर्ट इस बात को बिलकुल नहीं मान सकता. 12 साल तक का बच्चा अलैंगिक होता है. उन्हें इस बात को समझने में समय लगता है कि कोई उनसे प्रेम जता रहा है या फिर अपनी दैहिक संतुष्टि कर रहा है.
कोर्ट ने ये भी कहा है कि अक्सर नाबालिगों से होने वाले रेप के मामलो में देखा जाता है कि बच्चा अपने साथ हुए कृत्य को समझा ही नहीं पाता. वह बहुत मुश्किल से अपने किसी करीबी द्वारा किए गए कृत्य के बारे में अपने माता पिता को बता पाता है. अधिकतर मामलों में बच्चे डरते हैं कि वे कैसे किसी को बताएं कि उनके साथ क्या हुआ है. कोर्ट ने लड़की की गवाही सुनने के बाद कहा कि लड़की ने जिस तरह से बयान दिया है, उसे देखकर नहीं लगता कि उसे किसी ने कुछ सिखाया है. उसने वही बताया जो उसके साथ घटित हुआ. सुनवाई के दौरान सामने आया कि आरोपी ने गलत तरीके से नाबालिग के सामने सेक्स को बयां किया था. साथ ही उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी.