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चोरी की बिजली से चलता था गेस्‍ट हाउस, कोर्ट ने लगाया 33 लाख का जुर्माना, प्रॉपर्टियों पर 800 मामले दर्ज

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Updated Wed, 29 Dec 2021 16:24 IST

चोरी की बिजली से चलता था गेस्‍ट हाउस, कोर्ट ने लगाया 33 लाख का जुर्माना, प्रॉपर्टियों पर 800 मामले दर्ज

नई दिल्ली. बिजली चोरी के तीन अलग-अलग मामलों में अदालतों ने दो लोगों को सश्रम जेल की सजा सुनाई है और उन पर भारी जुर्माना लगाया है. पहले मामले में, तीस हजारी स्थित बिजली की स्पेशल कोर्ट्स ने 30 कमरों वाले हेस्ट हाउस के मालिकों को बिजली चोरी के जुर्म में तीन साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है और 33 लाख रुपए का जुर्माना किया है. इसमें फाइन और सिविल लायबिलिटी, दोनों शामिल है. जुर्माने की रकम का भुगतान न करने पर गेस्ट हाउस मालिकों को अलग से 6 महीने की साधारण कैद की सजा काटनी होगी.

दूसरे मामले में भी तीस हजारी स्थित बिजली की स्पेशल कोर्ट ने बिजली चोरी के जुर्म में एक होटल की मालकिन पर 23.70 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. इसमें फाइन व सिविल लायबिलिटी, दोनों शामिल हैं. जुर्माने की रकम का भुगतान न करने पर होटल मालकिन को तीन महीने की साधारण कैद की सजा भुगतनी होगी.

तीसरे मामले में, द्वारका स्थित बिजली की स्पेशल कोर्ट ने बिजली चोरी के एक अभियुक्त को तभी रिहा किया, जब उसने जेल में कुछ दिन गुजारे और 73 हजार रुपए के जुर्माने का भुगतान किया.

गेस्ट हाउस में 26 क‍िलोवाट की ब‍िजली चोरी का मामला
मध्य दिल्ली के दरिया गंज इलाके में मोहम्मद खालिद और शहजादा बिलाल द्वारा चलाए जा रहे 30 कमरों के एक गेस्ट हाउस में 26 किलोवॉट बिजली की सीधी चोरी पकड़ी गई थी. वहां पर बिजली का कोई मीटर भी नहीं मिला था. डीईआरसी के प्रावधानों के मुताबिक, आरोपियों पर बिजली चोरी का जुर्माना किया गया, लेकिन उन्होंने जुर्माने की रकम का भुगतान नहीं किया.

आरोपियों की संपत्तियों पर अलग-अलग तरह के 800 से अधिक मामले दर्ज
इसके बाद मामले में, जामा मस्जिद पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई और सुनवाई के लिए मामले को बिजली की स्पेशल कोर्ट में ले जाया गया. बताया जाता है कि इस गेस्ट हाउस पर पहले भी बिजली चोरी के मामले पकड़े गए हैं. यही नहीं, आरोपियों की संपत्तियों पर अलग-अलग तरह के 800 से अधिक मामले दर्ज हैं.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला-बिजली चोरी के मामलों को कड़ाई के साथ डील किया जाना चाहिए

आरोपियों को सजा सुनाते हुए बिजली की स्पेशल कोर्ट के जज एएसजे/ स्पेशल जज इलेक्ट्रि‍स‍िटी अरूण वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि बिजली चोरी के मामलों को कड़ाई के साथ डील किया जाना चाहिए.

स्पेशल कोर्ट के जज ने अपने आदेश ने कहा क‍ि इस बात को रेखांकित करना जरूरी है कि यह चोरी का कोई मामूली मसला नहीं है, बल्कि एक ऐसा मामला है जिससे बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान होता है और जो जीवन को भी खतरे में डालता है.

कोर्ट ने अपने आदेश में बिजली चोरी को जीवन के अधिकार पर खतरा बताया है और कहा है कि यह आसपास रहने वाले लोगों की जान को खतरे में डालता है. आदेश में कहा गया है कि बिजली चोरी, भारत के संविधान के आर्टिकल 21 में दिए गए जीवन के अधिकार का उल्लंघन है.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जिस तरीके से बिजली की सीधी चोरी की गई है और सुनवाई के दौरान जो परिस्थितियां व साक्ष्य सामने आए हैं, खासकर 800 मामलों में उनके शामिल की बात, जिससे उनके इरादों का पता चलता है…. सभी तथ्यों व साक्ष्यों पर गौर करने के बाद कोर्ट का मत है कि न्याय के लिए, दोषियों मोहम्मद खालिद और शहजादा बिलाल को देश के कानून के तहत सर्वाधिक सजा दी जाए. और इस तरह, इलेक्‍ट्रि‍स‍िटी एक्ट 2003 की धारा 135 के तहत, उन्हें 3 साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई जाती है.

इसके अलावा, आरोपियों पर 33 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया, जिसमें फाइन और सिविल लायबिलिटी दोनों शामिल हैं. जुर्माने का भुगतान न करने पर आरोप‍ियों को अलग से 6 महीने की साधारण कैद की सजा भुगतानी होगी.

होटल में ब‍िजली चोरी का मामला, कोर्ट ने लगाया 23.70 लाख का जुर्माना
बिजली की स्पेशल कोर्ट ने दरियागंज इलाके में ही रहने वाली बेबी नाज को बिजली चोरी में सजा सुनाई है. 13.19 किलोवॉट बिजली चोरी के जुर्म में उन पर 23.70 लाख रुपए का जुर्माना किया गया है. इसमें फाइन और सिविल लायबिलिटी, दोनों शामिल हैं. अगर उन्होंने जुर्माने की रकम का भुगतान नहीं किया, तो उन्हें तीन महीने की साधारण कैद की सजा भुगतनी होगी. उल्लेखनीय है कि वह दरियागंज में एक होटल चलाती थीं, जिसमें चोरी की बिजली का इस्तेमाल होता था.

 

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