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किसानों ने कृषि बिल की प्रतियां को फाड़कर दर्ज कराया अपना विरोध।

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Updated Sat, 5 Jun 2021 21:20 IST

किसानों ने कृषि बिल की प्रतियां को फाड़कर दर्ज कराया अपना विरोध।

छाता: शनिवार को छाता तहसील मुख्यालय पर भारतीय किसान मजदूर संघ और भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने दर्जनों किसानों के साथ तहसील मुख्यालय पर अपना विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा विगत वर्ष लागू किए गए तीनों कृष कानूनों की प्रतियों को फाड़ कर अपना विरोध दर्ज कराया। इस मौके पर आंदोलनकारी किसान नेताओं का कहना था कि जब तक केंद्र सरकार तीनों काले कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तब तक हमारा यह देशव्यापी विरोध और प्रदर्शन जारी रहेगा। किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए जिनकी व्यवस्था खुद कोतवाली प्रभारी छाता रवि त्यागी द्वारा संभाली हुई थी। इस मौके पर किसानों का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान मजदूर संघ ब्रज प्रांत के अध्यक्ष दीपक चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकार ने विगत वर्ष लॉकडाउन के दौरान इन तीनों कृषि कानूनों को अध्यादेश के तौर पर लागू कर किसानों के हितों पर कुठाराघात किया है। अगर यह तीनों के इस कानून जल्द ही वापस नहीं लिए जाते तो पूरे देश का किसान आंदोलन के लिए बाध्य होगा।

वहीं भारतीय किसान मजदूर संघ, ब्रज प्रान्त के तहसील अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यदुवंशी ने कहा कि केंद्र की तानाशाही सरकार इन काली कृषि कानूनों को लागू करने पर बैठी हुई है परंतु सर्वोच्च न्यायालय के डेढ़ साल के स्थगन आदेश की वजह से यह अभी लंबित चल रहे हैं जिस दिन यह काले कानून लागू हो जाएंगे, उस दिन किसान भुखमरी के कगार पर होगा।

 

इस मौके पर तहसील मांट के नौहझील जेल से आए किसान मोहन वीर सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए और अपना विरोध दर्ज कराया।

 
रिपोर्ट- प्रताप सिंह

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