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तमिलनाडु: 32 साल पहले हुआ था जयललिता पर हमला, फिर यूं बदल गई राज्य की सियासत

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Updated Fri, 26 Mar 2021 6:26 IST

तमिलनाडु: 32 साल पहले हुआ था जयललिता पर हमला, फिर यूं बदल गई राज्य की सियासत

तमिलनाडु विधानसभा के लिए में छह अप्रैल को 234 सीटों के लिए एक मतदान होना है। अन्नाद्रमुक और डीएमके गठबंधन में कांटे का मुकाबला माना जा रहा है। मगर इस बार की सियासत कुछ अलग है। राज्य में पहली बार जयललिता और करुणानिधि के बगैर विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि जयललिता और करुणानिधि के बगैर तमिलनाडु की सियासत अधूरी सी लगती है। ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं 32 साल पहले जयललिता पर हमले की वह कहानी, जिसने बदल दी थी तमिलनाडु की सियासत...
 
एक महिला पर नहीं बल्कि उसके स्वाभिमान और आस्तित्व पर हुआ था हमला
जी हां, 32 साल पहले यानी आज ही के दिन 25 मार्च 1989 को जयललिता पर हमला हुआ था। ये हमला एक महिला पर नहीं बल्कि उसके स्वाभिमान और आस्तित्व पर हुआ था। इसी हमले ने जयललिता और तमिलनाडु की राजनीति को पूरी तरह से बदल दिया था। दरअसल, 25 मार्च 1989 को तमिलनाडु विधानसभा में बजट पेश किया जा रहा था। जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके ने हाल के ही विधानसभा चुनाव में 27 सीटें जीती थीं और तमिलनाडु की विधानसभा को विपक्ष में एक महिला नेता मिली थी। उस वक्त डीएमके सरकार में थी और मुख्यमंत्री एम करुणानिधी थे। 
सदन में जैसे ही बजट भाषण पढ़ा जाना शुरू हुआ जयललिता और उनकी पार्टी के नेताओं ने विधानसभा में हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा इतना बढ़ा कि अन्नाद्रमुक के किसी नेता ने करुणानिधी की तरफ फाइल फेंकी, जिससे उनका चश्मा गिरकर टूट गया। जययलिता ने जब देखा कि हंगामा ज्यादा बढ़ रहा है तो वो सदन से बाहर जाने लगीं। तभी एक मंत्री ने उन्हें (जयललिता) बाहर जाने से रोका और उनकी साड़ी खींची, जिससे उनकी साड़ी फट गई और वो खुद भी जमीन पर गिर गईं। 
सत्ता पक्ष यानी डीएमके और विपक्ष यानी एआईएडीएमके के सदस्यों के बीच विधानसभा में हाथा-पाई भी हुई। अपनी फटी हुई साड़ी के साथ जयललिता विधानसभा से बाहर आ गईं। यही वो दिन था जब जयललिता ने सदन से निकलते हुए कहा था कि वो मुख्यमंत्री बनकर ही इस सदन में वापस आएंगी वरना कभी नहीं आएंगी। इसके दो साल बाद 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद चुनाव में जयललिता के नेतृत्व वाले एआईएडीएमके ने कांग्रेस से समझौता किया। दोनों दलों को तमिलनाडु के चुनाव में 234 में 225 पर जीत मिली। जिसके बाद जयललिता तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बन गईं। 
 

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