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17 Dec, 2025
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Updated Sun, 28 Mar 2021 10:36 IST
नई दिल्ली: मंगल ग्रह (Mars) पर जीवन के प्रमाण और संभाविता को लेकर की खोज तो की ही जा रही है, साथ ही वहां पाई जाने वाली अजीबोगरीब चीजों के रहस्य को भी सामने लाया जा रहा है. इसी बीच मंगल पर बनी मकड़ियों (Spiders On Mars) की आकृति को समझने की वैज्ञानिकों ने कोशिश की है. इन्हें Araneiforms कहा जाता है और ये मंगल की सतह पर ऊंचाई और गहराई से बनते हैं.
गौरतलब है कि ये आकृति धरती पर कहीं नहीं पाई गईं हैं और मंगल पर ये कैसे बने, यह एक पहेली बनी हुई है. वैज्ञानिकों ने ये संभावना जताई है कि कार्बन डायऑक्साइड की बर्फ के बिना पिघले भाप में तब्दील होने (Sublimation) के कारण ये आकृति बनती है.
ब्रिटेन (Britain) और आयरलैंड (Ireland) के वैज्ञानिकों ने ओपन यूनिवर्सिटी मास सिम्यूलेशन चैंबर (Open University Mass Simulation Chamber) की मदद से मंगल जैसे हालात उत्पन्न किए और फिर देखा कि क्या इस प्रक्रिया से ऐसी कोई आकृति बन सकती है. इसके लिए कार्बन डायऑक्साइड की बर्फ के टुकड़ों में छेद किए गए और फिर अलग-अलग आकार के दानों पर उन्हें घुमाया गया. फिर चैंबर में दबाव को मंगल की तरह कम किया गया और ब्लॉक्स को सतह पर रखा गया. इसके बाद कार्बन डायऑक्साइड के टुकड़े सब्लिमेट हो गए और जब इन्हें हटाया गया तो पाया गया कि वैसी ही मकड़ी जैसी आकृति गैस के कारण बन गई थी.
वैज्ञानिकों के अनुसार इससे मंगल पर दिखने वाली आकृति के रहस्य को सुलझाया जा सकता है. इस हाइपोथीसिस को काइफर्स हाइपोथीसिस कहा गया है. आपको बता दें कि बसंत के मौसम में सूरज की रोशनी बर्फ से होकर नीचे की सतह को गर्म करती है जिससे बर्फ सब्लिमेट होती है. इससे नीचे दबाव बनता है जो दरारों के रास्ते निकलता है. इससे गैस के निकलने के साथ पीछे मकड़ी सी आकृति रह जाती है. अभी तक इस थ्योरी को दशकों से माना जाता रहा है लेकिन इसका कोई भौतिक प्रमाण नहीं है.
मेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के Curiosity रोवर से ली गईं आठ नई तस्वीरों में नैविगेशन कैमरे की नजर से पांच मिनट के नजारे देखे गए. लाल ग्रह पर ये धरती के बादलों की तरह ही चलते हुए दिख रहे हैं. इन्हें उत्तर कैरोलीना स्टेट यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट पॉल ब्राइर्न ने शेयर किया है. मंगल का वायुमंडल बहुत पतला है और इसलिए, ये अलग तरह से बने होंगे. मंगल का सिर्फ यही मौसम धरती जैसा नहीं है लेकिन खास है.







