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Scientists ने की सबसे छोटे Dead Star की खोज, 130 Light Year दूरी पर दिखी मौजूदगी

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Updated Fri, 2 Jul 2021 13:23 IST

Scientists ने की सबसे छोटे Dead Star की खोज, 130 Light Year दूरी पर दिखी मौजूदगी

नई दिल्ली: हमारा ब्रह्मांड अनगिनत रहस्यों को अपने भीतर समेटे हुए है. ऐसे ही एक रहस्य की बात करें तो एक सवाल ये भी है कि आखिर एक तारा सबसे छोटा होने के साथ एक ही समय में सबसे विशाल कैसे हो सकता है? दरअसल हाल ही में वैज्ञानिकों ने ऐसे मृत तारे (Dead Star) की खोज की है जो हमारे चंद्रमा (Moon) के आकार का है. जिसका द्रव्यमान हमारे सूर्य (Sun) से बड़ा है. इस मृत तारे का नाम ZTF J1901+1458 है जो है तो सिर्फ 4,280 किलोमीटर यानी 2,660 मील की दूरी पर लेकिन उसका आंकलन सूर्य के द्रव्यमान का 1.35 गुना है.

एक सफेद बौना तारा

यह एक सफेद बौना तारा (Dwarf Star) है, जिसका अर्थ है कि इसका अस्तित्व खत्म हो चुका है. विऑन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक ये Dead Star हमसे 130 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है. आपको बता दें कि प्रकाश वर्ष दूरी नापने की सबसे बड़ी इकाई है. ये तारा अति सघन है जो चंद्रशेखर सीमा (Chandrasekhar Limit) के काफी करीब है. ये सीमा उस अधिकतम द्रव्यमान को संदर्भित करती है जो एक सफेद बौने तारे के अस्थिर होने से पहले हो सकता है. इसके बार होने वाले एक विस्फोट में किसी तारे की मौत हो जाती है.

100 मिलियन वर्ष पुराना है

 

सफेद बौने तारे का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों की टीम को लगता है कि यह दो सफेद बौने सितारों के बीच विलय के बाद बनी एक यूनिट है. सफेद बौना तारा 100 मिलियन वर्ष पुराना है. जिसमें बेहद मजबूत चुंबकीय प्रभाव है. इसका चुंबकीय क्षेत्र सूर्य की तुलना में एक अरब गुना अधिक शक्तिशाली है. शोधकर्ताओं ने वैज्ञानिक पत्रिका नेचर (Scientific Journal Nature) में अपने अवलोकन प्रकाशित किए हैं.

सौर मंडल के लिए खतरा होते हैं मृत तारे

कोई तारा अपनी उम्र पूरी होने के बाद अपने सौर मंडल के बचे ग्रहों को भी नष्ट कर देता है. नासा से जुड़े वैज्ञानिकों को वर्षो से स्थापित इस अवधारणा के समर्थन में महत्वपूर्ण प्रमाण मिल चुका है. नासा की अंतरिक्ष दूरबीन केपलर के जरिये वैज्ञानिकों ने इस तरह की घटना के प्रमाण देखे हैं. वैज्ञानिकों ने K2 मिशन के दौरान एक श्वेत बौने तारे के नजदीक एक छोटे पिंड को टुकड़ों में टूटते देखा. लंबे समय से अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की मान्यता है कि श्वेत बौने तारे जिन्हें आमतौर पर मृत तारा (Dead star) कहा जाता है, वो अपने सौरमंडल के बचे ग्रहों को नष्ट करने की क्षमता रखते हैं.

पिछले साल हुई थी एक तारे की मौत

दरअसल बीते साल अक्टूबर 2020 में अमेरिकीअंतरिक्ष एजेंसी नासा(NASA) ने आसमान में तारे की मौत का एक वीडियो जारी किया था. नासा ने इस तारे में हुए भीषण विस्फोट का यह अद्भुत वीडियो रिकॉर्डकर ट्विटर पर शेयर किया था. यह विस्फोट धरती से लगभग 7 करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी पर हुआ था.

नासा के मुताबिक, तारे में यह विस्फोट SN 2018gv सुपरनोवा में हुआ. नासा ने बताया कि इससे पहले तारे की मौत का ऐसा वीडियो कभी नहीं देखा गया है. बता दें कि सुपरनोवा (Supernova) किसी तारे की मौत होता है. इस दौरान तारे में भयंकर विस्फोट होता है. नासा ने तब बताया था कि ये सुपरनोवा NGC 2525 गैलेक्सी में नज़र आया है.

 

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