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SC ने सरकार से पूछा- याचिकाकर्ता और पंजाब सरकार निष्पक्ष जांच चाहते हैं, आप आड़े क्यों आना चाह रहे?

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Updated Mon, 10 Jan 2022 12:31 IST

SC ने सरकार से पूछा- याचिकाकर्ता और पंजाब सरकार निष्पक्ष जांच चाहते हैं, आप आड़े क्यों आना चाह रहे?

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में सुप्रीम कोर्ट सोमवार को फिर सुनवाई कर रहा है. इस मामले को लेकर बीजेपी पहले से ही पंजाब सरकार पर हमलावर है. सोमवार को पीएम मोदी की सुरक्षा चूक मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमण (CJI NV Ramana) की अध्‍यक्षता वाली पीठ कर रही है. सुनवाई के दौरान सीजेआई एनवी रमण ने कहा है कि हमें आज सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज मिले हैं. कृपया इस धारणा के तहत न रहें कि हम इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. यह पीएम की सुरक्षा का मुद्दा है.

– CJI ने कहा है कि सवाल ये है कि जिस तरह की जांच हो. क्या किसी को सजा देने के लिए हो. अगर ऐसा है तो इसमें कोर्ट का क्या काम है. मान लीजिए की किसी को जिम्मेदार मान लिया गया जांच में तो इसमें हम क्या करेंगे. ये पीएम की सिक्योरिटी का मामला है. ऐसे नहीं कि हम हल्के में ले रहे हैं. कृपया इस धारणा के तहत न रहें कि हम इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. यह पीएम की सुरक्षा का मुद्दा है.

– सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जस्टिस हिमा कोहली ने सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा है कि अगर केंद्र सरकार ने सब तय कर दिया है तो हमारे सामने क्यों है?  इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा है कि कोर्ट के सामने याचिकाकर्ता आया है. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा कि याचिकाकर्ता और पंजाब सरकार निष्पक्ष जांच चाहते हैं. आप इसके आड़े क्यों आना चाह रहे हैं? एसजी तुषार मेहता ने कहा कि हमारा कारण बताओ नोटिस नियमों के मुताबिक भेजा गया है.

– CJI एनवी रमण ने कहा है कि अगर आप अनुशानात्मक कार्रवाई करना चाहते हैं तो कोर्ट की तरफ से जांच कमेटी बनाने का क्या औचित्य होगा? कमेटी क्या काम करेगी? इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कोर्ट हमारी रिपोर्ट की समीक्षा करे. CJI ने पूछा कि फिर तो पंजाब की कमेटी को भी काम करने देते हैं? मेहता ने कहा कि पंजाब की कमेटी में दिक्कतें हैं. CJI ने कहा हमने पीएम की सुरक्षा से जुड़े इस मसले को गंभीरता से लिया है.

– एसजी तुषार मेहता का कहना है कि इसमें कोई शक नहीं है कि इस पूरे प्रोसेस के पालन में गड़बड़ हुई है. इस पर कोई विवाद नहीं हो सकता. ये तथ्य अस्वीकार नहीं किया जा सकता कि सुरक्षा में चूक और लापरवाही हुई है. ब्लूबुक में साफ है कि सुरक्षा का इंतजाम राज्य पुलिस महानिदेशक की देखरेख में स्थानीय पुलिस करती है.

– सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता चीफ जस्टिस को प्रधानमंत्री के सुरक्षा को लेकर एसपीजी एक्ट की जानकारी दे रहे हैं और ब्लू बुक में सुरक्षा को लेकर जो जानकारियां दी गई हैं उसको भी साझा कर रहे हैं.

– इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि कोई संचार नहीं था. पुलिस महानिदेशक से कोई इनपुट नहीं मिला जो उनकी जिम्मेदारी थी. संचार होना चाहिए था. मामले में पूरी तरह से खुफिया विफलता थी! अगर एसपीजी एक्ट और ब्लू बुक का उल्लंघन हुआ है तो सुनवाई आदि की जरूरत नहीं है.

– पंजाब सरकार के वकील ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट चाहता है तो इस मामले में अलग से स्‍वतंत्र जांच कमेटी का गठन कर दे. हम उस कमेटी में सहयोग करेंगे, लेकिन हमारी सरकार और हमारे अधिकारियों पर अभी आरोप ना लगाया जाएं. पंजाब सरकार के वकील ने कहा है कि राज्य के अधिकारियों को 7 कारण बताओ नोटिस जारी कर कहा गया है कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जाए. जांच नहीं की गई, सुनवाई का मौका नहीं दिया गया.

– पंजाब सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी. कृपया एक स्वतंत्र समिति नियुक्त करें और हमें निष्पक्ष सुनवाई दें.

– सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के वकील ने दलील देते हुए कहा कि उनके अधिकारियों के खिलाफ शो कॉज नोटिस भेजा जा रहा है और यह भी पूछा जा रहा है कि कार्रवाई क्यों न की जाए. जबकि इस पूरे मामले में जांच सुप्रीम कोर्ट ने अपने हाथ में ले ली है तो हमारे अधिकारियों को नोटिस क्यों भेजा जा रहा है? हम फिर कह रहे हैं कि अगर हमारे अधिकारियों की गलती है तो हमें दंडित किया जाए लेकिन अभी सीधा आरोप ना लगाया जाए. पंजाब सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर गंभीर है.

 

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