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बुंदेलखंड के लिए संजीवनी केन-बेतवा लिंक परियोजना, यूपी-एमपी के सीमावर्ती जिलों में लहलहाएंगी फसलें

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Updated Wed, 24 Mar 2021 11:29 IST

बुंदेलखंड के लिए संजीवनी केन-बेतवा लिंक परियोजना, यूपी-एमपी के सीमावर्ती जिलों में लहलहाएंगी फसलें

लखनऊ, जेएनएन। सूखे का दंश झेल रहे बुंदेलखंड के जिलों के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना जिंदगी की नई धारा लेकर आएगी। बुंदेलखंड में उत्तर प्रदेश के सात और मध्य प्रदेश के नौ जिले शामिल हैं, जिन्हें इस परियोजना का शिद्दत से इंतजार था। दो बड़ी नदी केन व बेतवा का संगम होने पर खेतों की सिंचाई तो होगी ही, आमजन की प्यास भी बुझेगी।

केन-बेतवा इंटर लिंक परियोजना के तहत हमीरपुर स्थित मौदहा बांध को लिंक नहर से जोड़कर भरा जाएगा। इससे उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश दोनों राज्यों को लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर एवं हमीरपुर के 21 लाख लोगों को 67 मिलियन क्यूबिक मीटर पेयजल मिलेगा। इसके साथ ही बांदा, झांसी, महोबा, ललितपुर एवं हमीरपुर में 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था बेहतर होगी।

मध्य प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के लिए भी यह परियोजना जीवनदायिनी साबित होगी। छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना जिलों में किसान उन परंपरागत फसलों (धान, चना, गेंहू) को उगा सकेंगे, जो सिंचाई के अभाव में दम तोड़ देती थीं। साथ ही बूंद-बूंद पानी को तरसते बुंदेलखंड के कई गांवों में पेयजल मिलेगा। इससे पलायन भी रकेगा। दतिया, दमोह और सागर जिलों को भी इस परियोजना से लाभ मिलने वाला है।

 

यूपी में ऐसे आएगी हरियाली

  • हमीरपुर में मौदहा बांध भरने से 26,900 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और तहसील राठ में पेयजल उपलब्ध होगा।
  • महोबा में लगभग 37,564 हेक्टेयर, ललितपुर में लगभग 3,533 हेक्टेयर, झांसी में लगभग 17,488 हेक्टेयर, हमीरपुर में 26,900 हेक्टेयर और बांदा में लगभग 1,92,479 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी।
  • झांसी में 14.66 मिलियन क्यूबिक मीटर, ललितपुर में 31.98 मिलियन क्यूबिक मीटर, हमीरपुर में 2.79 क्यूबिक मीटर और महोबा में20.13 मिलियन क्यूबिक मीटर पेयजल दिया जा सकेगा।
  • बरियारपुर पिकप बीयर के डाउनस्ट्रीम में दो नए बैराजों का निर्माण कर लगभग 188 मिलियन क्यूबिक मीटर जल भंडारण किया जा सकेगा।

ऐसे लहलहाएगा मध्य प्रदेश

 
  • छतरपुर के बिजावर विकासखंड के ढोढऩ में 72 मीटर ऊंचा बांध बनाया जाएगा। जिसकी जल भंडारण क्षमता 2584 मिलियन क्यूबिक मीटर होगी। यहां 341.55 करोड़ की लागत से जलविद्युत संयंत्र भी तैयार होंगे। इनसे 36 मेगावाट बिजली बनेगी।
  • टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले की लगभग 30 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। पलेरा, जतारा और निवाड़ी तहसील क्षेत्र के गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए सीधा पानी मिलेगा। चना और गेहूं की फसल के लिए इससे अच्छा फायदा होगा।
  • दतिया जिले के भांडेर, इंदरगढ़, चिस्र्ला और उप्र की सीमा से सटे उनाव, उदगवां, जिगना के किसानों को सिंचाई के लिए सीधा पानी मिलेगा। जिले की 3 हजार हेक्टेयर भूमि इससे सिंचित हो सकेगी। जिससे 92 हजार मीट्रिक टन रबी और खरीफ की फसल का उत्पादन बढ़ना संभावित है।

केन-बेतवा लिंक परियोजना के महत्वपूर्ण पड़ाव

  • 80 के दशक में परियोजना पर विचार किया गया था।
  • 1999 से 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी राजग सरकार में इस पर काम शुरू हुआ।
  • 2005 में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार ने इस पर हस्ताक्षर किए।
  • 2007 में केन-बेतवा नदी परियोजना को पर्यावरणीय अनुमति मिली।

 

 

 

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