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विश्व कप में मचाएगी धमाल, भारत के लिए खेलेगी सनथ जयसूर्या और कालूवितर्णा की जोड़ी!

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Updated Wed, 22 Dec 2021 15:48 IST

विश्व कप में मचाएगी धमाल, भारत के लिए खेलेगी सनथ जयसूर्या और कालूवितर्णा की जोड़ी!

नई दिल्ली. श्रीलंका को 1996 में वर्ल्ड चैम्पियन बनाने में बाएं हाथ के बल्लेबाज सनथ जयसूर्या और विकेटकीपर रोमेश कालूविर्तणा का सबसे बड़ा हाथ था. श्रीलंका ने इस विश्व कप में प्रयोग के तौर पर इस जोड़ी से पारी की शुरुआत कराई और यह हिट रहा. उस वर्ल्ड कप में इस सलामी जोड़ी दिग्गज गेंदबाजों के खिलाफ पहले 15 ओवर में कहर बनकर टूटी और वनडे क्रिकेट में बल्लेबाजी का अंदाज ही बदल दिया. अब भारत को भी जयसूर्या और कालूवितर्णा की यही जोड़ी मिल गई है, जो अंडर-19 विश्व कप में बल्ले से धमाल मचाती नजर आ सकती है.

इस जोड़ी के जयसूर्या 18 साल के सिद्धार्थ यादव हैं और उनके जोड़ीदार के रूप में सेलेक्टर्स ने 17 साल के विकेटकीपर बल्लेबाज आराध्य यादव को भारत की अंडर-19 विश्व कप की टीम से जोड़ा है. इन दोनों के बीच दो बातें मेल खाती हैं. पहला यह कि दोनों एक ही शहर गाजियाबाद से आते हैं और दूसरा दोनों ने क्रिकेट का ककहरा एक ही कोच अजय शर्मा से सीखा है. अगर सब ठीक रहा तो अगले साल वेस्टइंडीज में होने वाले अंडर-19 विश्व कप में भारत के लिए यह जोड़ी वही काम करती नजर आ सकती है, जो 1996 में जयसूर्या और कालूवितर्णा ने श्रीलंका के लिए किया था.

सिद्धार्थ के कोच हैं पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय शर्मा
सिद्धार्थ के अंडर-19 विश्व कप की टीम तक पहुंचने के सफर में आराध्य के पिता की भी अहम भूमिका है. टाइम्स ऑफ इंडिया से खास बातचीत में सिद्धार्थ के पिता श्रवण ने इसकी कहानी बताई. उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले मैं अंडर-16 ट्रायल में आराध्य के पिता अजय यादव से मिला था. तब मैंने अजय से अपने बेटे सिद्धार्थ के लिए अच्छा कोच ढूंढने में मदद करने की गुजारिश की थी. उन्होंने सुझाव दिया कि मैं सिद्धार्थ को उनकी एकेडमी (टीएन मेमोरियल क्रिकेट अकादमी) भेजूं. जहां पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजय शर्मा मुख्य कोच थे. यही सिद्धार्थ के क्रिकेट करियर के लिए टर्निंग प्वाइंट रहा.

सिद्धार्थ-आराध्य की जोड़ी विश्व कप में मचाएगी धमाल
इसी क्रिकेट एकेडमी में पहली बार सिद्धार्थ और आराध्य टकराए. हालांकि, आराध्य पहले ही अंडर-14 में स्टेट की तरफ से खेल चुके थे. हालांकि कुछ साल पहले तक, आराध्य का बड़ा भाई अंचित क्रिकेट में किस्मत आजमाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा था. आराध्य जब 8 साल का हुआ तो बड़े भाई को ट्रेनिंग करता देख, उसका भी खेल की तरफ झुकाव होने लगा. 2016 में, परिवार ने अजय शर्मा के साथ मुख्य कोच के रूप में एक एकेडमी शुरू करने के लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से एक जमीन लीज पर ली और यहीं से दोनों के अंडर-19 वर्ल्ड कप की टीम में पहुंचने की शरुआत हुई. आराध्य पहले ऑलराउंडर था, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी को देखकर विकेटकीपिंग शुरू की.

सिद्धार्थ के पिता की है किराना दुकान
सिद्धार्थ का अंडर-19 टीम में पहुंचने का सफर आराध्य से बिल्कुल जुदा रहा. उनके क्रिकेटर बनने के पीछे जितना योगदान टैलेंट का है, उतनी ही पिता के धैर्य की भी अहमियत है. एनसीआर के कोटगांव इलाके में एक जनरल स्टोर चलाने वाले श्रवण ने अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए अपना सारा वक्त और किराना दुकाने से होने वाली कमाई का बड़ा हिस्सा लगा दिया.

उन्होंने बताया कि सिद्धार्थ सिर्फ 4 साल का था जब वह मेरे पास आता था और कहता था ‘पापा आओ क्रिकेट खेलते हैं’. जैसे-जैसे वह बड़ा हुआ, मैंने खेल में उसकी रुचि और विकसित होते देखी. फिर मैं उसे बल्लेबाजी अभ्यास के लिए पास के मैदान में ले जाने लगा. मैं दोपहर 2 बजे अपनी दुकान बंद कर देता था और फिर हम 6 बजे तक मैदान में रहते. इसके बाद शाम को दुकान पर लौटता. कई सालों तक यह संघर्ष चला और फिर उसे राज्य की अंडर-16 टीम में जगह मिली और आज मेहनत के दम पर वो भारतीय अंडर-19 में चुना गया.

 

 

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