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Updated Sat, 26 Mar 2022 10:12 IST
महंगाई के सीजन में दवाओं के भी दाम बढ़ने जा रहे हैं. अगले महीने यानी अप्रैल की शुरुआत से 800 से ज्यादा जरूरी दवाओं की कीमतों में सीधे 10 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी होने जा रही है. इनमें बुखार, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, त्वचा रोग और एनीमिया के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाएं भी शामिल हैं.
अगले महीने से आपको दर्द निवारक और एंटीबायोटिक्स जैसे पैरासिटामोल फ़िनाइटोइन और मेट्रोनिडाजोल जैसी आवश्यक दवाओं के लिए अधिक भुगतान करना होगा। नेशनल फार्मा प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) के मुताबिक यह थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) में बढ़ोतरी के कारण है। 1 अप्रैल 2022 से दवा की कीमतें बढ़ेंगी।
महामारी के बाद से फार्मा इंडस्ट्री दवाओं की कीमत बढ़ाए जाने की लगातार मांग कर रही थी. इसके बाद शेड्यूल ड्रग्स के लिए कीमतों में बढ़ोत्तरी की लगातार मांग की वजह से 10.7 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की मंजूरी दी गई है. शेड्यूल ड्रग्स में आवश्यक दवाएं शामिल होती हैं और इनकी कीमतों पर नियंत्रण होता है. इनके दाम बगैर अनुमति नहीं बढ़ाए जा सकते.