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कृषि कानूनों की वापसी के बाद खेती पर पीएम मोदी का पहला बड़ा कार्यक्रम, जानें पूरा प्लान

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Updated Sun, 12 Dec 2021 14:28 IST

कृषि कानूनों की वापसी के बाद खेती पर पीएम मोदी का पहला बड़ा कार्यक्रम, जानें पूरा प्लान

नई दिल्ली. तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के लिए एक खास कार्यक्रम करने जा रहे हैं. 16 दिसंबर को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ज़ीरो बजट फार्मिंग पर किसानों से संवाद करेंगे. अगले साल उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस कार्यक्रम को बेहद खास माना जा रहा है. इन सभी राज्यों में किसानों की अच्छी खासी संख्या है. पीएम का संदेश देश के हर कोने के किसानों तक पहुंचे इसके लिए बीजेपी ने खास तैयारी की है. बीजेपी ने अपने नेताओं से अपने क्षेत्र के किसानों को कार्यक्रम के दौरान चाय पर बुलाने को कहा है. कार्यक्रम को बड़ी स्क्रीन पर भी दिखाने की तैयारी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में थे. यहां पर उन्होंने सरयू नहर नेशनल प्रोजेक्ट का उद्घाटन करते हुए किसानों से प्राकृतिक खेती करने की अपील की. साथ ही उन्होंने 16 दिसंबर को कृषि विज्ञान केंद्रों पर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखने के लिए भी आने को कहा. भाजपा इसे एक बड़ा कार्यक्रम बनाने की तैयारी में है. इसमें प्रत्येक ‘मंडल’ को निर्देश दिए गए हैं कि 500 ​​​​किसान एलईडी स्क्रीन पर प्राकृतिक खेती पर पीएम के सुझावों को देखें और रासायनिक मुक्त खेती की संभावनाओं से प्रेरित हों.

बड़े कार्यक्रम की तैयारी
कार्यक्रम का प्रसारण देश भर के 741 कृषि विज्ञान केंद्रों पर भी किया जाएगा. ये सुनिश्चित करने के लिए कि पीएम का संदेश किसानों तक पहुंचे, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने देश भर के 55 वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ एक बैठक की है. इसमें कुछ किसान मोर्चा के राज्य अध्यक्ष भी थे.

किसानों से बात कर सकते हैं पीएम
14 दिसंबर को गुजरात के आणंद जिले में शुरू होने वाली दो दिवसीय कार्यशाला के अंत में पीएम मोदी प्रगतिशील किसानों और कृषि विशेषज्ञों से बात कर सकते हैं. इस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ मौजूद रहने की संभावना है.

अधिकांश किसानों तक पहुंचने और उन्हें प्राकृतिक उत्पादों पर भरोसा करके खेती से संबंधित खर्च में कटौती करने और मौसम की बेहतर जानकारी के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, पीएम मोदी 14 दिसंबर से शुरू होने वाले प्रगतिशील किसानों और कृषि विशेषज्ञों की दो दिवसीय कार्यशाला का समापन करेंगे. कृषि कानूनों को निरस्त करने के बावजूद, सरकार अभी भी ये मानती है कि कानून किसानों के कल्याण के लिए थे.

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