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Updated Sat, 19 Jun 2021 22:31 IST
कराची/इस्लामाबाद: अफगानिस्तान की धरती पर 18 साल तक लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार अमेरिका अब वापस जा रहा है. अमेरिका के साथ ही तमाम अन्य विदेशी सैनिकों की भी वापसी होने चल रही है. ऐसे में एक आशंका ये खड़ी हो रही है कि तालीबान अगर अमेरिका से किये वादे से मुकर जाता है या किसी कारणवश फिर से अमेरिका को अफगानिस्तान की धरती पर वापस ओबामा पड़ता है, तो ऐसे समय में उसकी मदद कौन करेगा? ऐसे समें स्वाभाविक सहयोगी के तौर पर पाकिस्तान का नाम उभरता है, लेकिन पाकिस्तान ने अमेरिका को आंख दिखा दी है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक न्यूज चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा है कि वो अपनी धरती का इस्तेमाल किसी भी विदेशी सेना को नहीं करने देंगे. सिर्फ जमीन ही नहीं, वो किसी विदेशी सेना को न तो अपना एयर जोन इस्तेमाल करने देगा, न ही अपने एयरबेस पर किसी विदेशी लड़ाकू विमान को उतरने देगा.
इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा कि अफगानिस्तान में किसी भी समस्या की सूरत में वो उसे हल करने के लिए तैयार रहेगा. लेकिन अगर किसी विदेशी शक्ति ने अफगानिस्तान की जमीन के भीतर अभियान चलाने की हिमाकत की, तो उसे किसी तरह का सहयोग नहीं मिलेगा.
इंटरव्यू ले रहे पत्रकार ने इमरान खान से पूछा कि क्या वो अफगानिस्तान के भीतर सीआईए द्वारा क्रॉस बॉर्डर काउंटर टेररिज्म मिशन के लिए पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल करने देगा? अगर ये अभियान अल कायदा, आईएसआईएस या फिर तालीबान के खिलाफ हुआ तो? इसका जवाब इमरान खान ने सपाट शब्दों में दिया और सीधे कहा, 'बिल्कुल नहीं'.







