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कश्मीर एकजुटता दिवस के नाम पर भारत के खिलाफ पाकिस्तान की बड़ी साजिश का खुलासा

राज्य

Updated Tue, 23 Mar 2021 10:25 IST

कश्मीर एकजुटता दिवस के नाम पर भारत के खिलाफ पाकिस्तान की बड़ी साजिश का खुलासा

नई दिल्ली: दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए एक तरफ जहां पाकिस्तान, भारत के साथ शांति वार्ता का दिखावा कर रहा है वहीं वो भारत के खिलाफ बड़ी साजिश रचने में लगा हुआ है. ज़ी मीडिया के पास मौजूद विशेष दस्तावेजों के मुताबिक पाकिस्तान ने पिछले महीने पांच फरवरी के दिन कश्मीर एकजुटता दिवस के नाम पर भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने के लिए दुनिया भर में एक बड़ी मुहिम चलाई थी. जिसके तहत उन देशों में मौजूद पाकिस्तानी दूतावास के जरिये भारत के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कराने की योजना तैयार की गई थी.

इस्लामाबाद में पाकिस्तान की आईएसआई ने अपने सभी दूतावासों को फैक्स और ईमेल के जरिये ये बताया था कि किस तरीके से कश्मीर में तैनात भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ झूठे मानव अधिकार हनन के मामलों को सामने लाना है. पाकिस्तान ने इस साजिश को अंजाम देने के लिए लाखों डॉलर की रकम भी खर्च की थी. ज़ी मीडिया के पास मौजूद दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान ने इस साल 26 जनवरी से 28 जनवरी के बीच अपने सभी दूतावासों को ईमेल और फैक्स के जरिये ये जानकारी दी थी कि पांच फरवरी के दिन भारत को बदनाम करने के लिए किस तरह से मुहिम को अंजाम देना है. इस प्लानिंग के तहत अमेरिका, यूके, जापान, कोरिया, कनाडा, जर्मनी, अफ्रीकन देशों में मौजूद पाकिस्तानी दूतावास से ये कहा गया था कि वो इन देशों में पाकिस्तानी मूल के लोगों की मदद से भारतीय दूतावासों के सामने विरोध प्रदर्शन करे.

साथ ही यह भी प्लान था कि सभी देशों में कश्मीर पर वेबिनार और इवेंट कराये जाएं जिसमें भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ फर्जी मानव अधिकार हनन के मामलों को हाईलाइट किया जाये. सभी धरना प्रदर्शनों को उन देशों की मीडिया में बेहतर कवरेज मिले इसके लिए भी प्लानिंग बनाने के लिए कहा गया था. इन धरना प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए इस्लामाबाद से सभी पाक दूतावासों को फंड भी भेजे गये थे.

एक फरवरी को ऐसा ही एक फैक्स पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित अपने कॉन्सुलेट जनरल ऑफिस को भेजा था जिसमें कश्मीर एकजुटता दिवस को सफल बनाने के लिए पाकिस्तानी, अमेरिकी कम्युनिटी की मदद से कैंडल विजिल कराने के लिए कहा गया था साथ ही न्यूयॉर्क की सभी टैक्सी और ट्रक्स पर भारत के खिलाफ एडवरटिजमेंट कैंपेन के साथ-साथ कश्मीर एकजुटता दिवस पर वेबिनार कराने के लिए कहा गया था.

कश्मीर एकजुटता दिवस के नाम पर चीन में भारत को बदनाम करने के लिए भी पाकिस्तान ने कोई कसर नहीं छोड़ी. इस्लामाबाद से एक फरवरी को चीन के चेंगदू में स्थित अपने पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास ऑफिस को भेजे गये एक फैक्स में ये कहा गया था कि भारत को बदनाम करने के लिए Weibo के साथ चीनी सोशल मीडिया App का सहारा लिया जाये. साथ ही वाणिज्य दूतावास ऑफिस में कश्मीर पर इवेंट कराया जाये जिसमें कम से कम 100 लोगों को आमंत्रित किया जाये. इस्लामाबाद ने इसके लिए 80,400 रुपये का बजट भी जारी किया था.

पाकिस्तान ने ताजिक और रूसी भाषा में भी भारत के खिलाफ मुहिम छेड़ने की तैयारी की थी. जिसके तहत रूस के शहरों में कुछ महत्वपूर्ण ठिकानों पर सड़कों के किनारे बड़े बैनर और पोस्टर लगाने को कहा गया था.

पाकिस्तान की आईएसआई ने कश्मीर मुद्दे का अंतराष्ट्रीयकरण करने के साथ-साथ भारतीय सुरक्षा बलों को बदनाम करने के लिए पांच फरवरी के दिन यूएन के दफ्तर के बाहर भारत के खिलाफ धरना प्रदर्शन के साथ साथ दुनिया भर में भारत के खिलाफ एक पिटिशन पर साइन कराने का भी प्लान तैयार किया जिसे यूएन सचिव जे᠎̮न्‌रल्‌ को देने को कहा गया था.

पाकिस्तान ने अल्जीरिया में भारत के खिलाफ प्रदर्शन के लिए अल्जीरिया जैसे देश में बड़ी योजना तैयार की थी जिसके तहत पाकिस्तानी मूल के लोगों के साथ साथ अल्जीरिया के आर्टिस्ट और पत्रकारों की मदद से कश्मीर एकजुटता दिवस के नाम पर कई कार्यक्रम कराये गये. ज़ी मीडिया के पास मौजूद दस्तावेजों से पता चलता है कि पाकिस्तान ने इन कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए करीब दो लाख रुपये खर्च किये थे. इस रकम में 1,50,000 रुपये कार्यक्रम में आये लोगों के खाने-पीने पर खर्च किये गये और दस हजार रुपये पब्लिसिटी पर खर्च किये गये.

पाकिस्तान ने वियतनाम में भारत के खिलाफ प्रदर्शन के लिए 2000 डॉलर खर्च किये थे जिसके जरिये कई इंवेट कराये गये. इस इवेंट के जरिये भारत के खिलाफ वियतनामी लोगों में झूठी बातें फैलाई गईं जिसमें ये कहा गया कि किस तरह से कश्मीर में लोगों की आजादी छीनी जा रही है.

पांच फरवरी के दिन नेपाल के काठमांडू में थिंक टैंक, मीडिया और कुछ एकेडमिशियन के साथ टॉक प्रोग्राम कराये गये और नेपाली अखबारों में भारत के खिलाफ झूठी खबरों को छापने के लिए योजना तैयार की गई.

 

 

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