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प्रदूषण पर  कोर्ट में सुनवाई पर चीफ जस्टिस ने अखबार दिखाकर खोली पोल

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Updated Thu, 2 Dec 2021 16:51 IST

प्रदूषण पर कोर्ट में सुनवाई पर चीफ जस्टिस ने अखबार दिखाकर खोली पोल

वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बेहद तल्ख टिप्पणी की। शीर्ष अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वे 24 घंटे के अंदर कोई ठोस सुझाव दें अन्यथा उसे आदेश पारित करना पड़ेगा। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से किए जा रहे उपायों को लेकर नाखुशी जाहिर की। बेंच ने कहा, 'हम समझते हैं कि प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है और उससे निपटने के लिए कुछ नहीं हो रहा है। हमें लगता है कि हम लोग अपना समय खराब कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने दोनों सरकारों के रवैये पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि हम लोग आपको 24 घंटे का वक्त देते हैं। हम चाहते हैं कि आप इसे गंभीरता के साथ लें और कोई ठोस सुझाव दें। मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि इसे लेकर एक टास्क फोर्स का गठन किया जाना चाहिए। यह टास्क फोर्स उन इलाकों में जाकर निरीक्षण करें, जहां पर एयर क्वॉलिटी की चेंकिंग की जाए। विकास सिंह ने कहा कि सेंट्रल विस्टा समेत कई अन्य प्रोजेक्ट्स ककी निगरानी की जानी चाहिए। यही नहीं उन्होंने कि फ्लाइंग स्क्वाड्स को भी मजबूत करना चाहिए ताकि वह फैक्ट्रियों कोसील करे और उन कंस्ट्रक्शन साइट्स पर भी काम रुकवाए, जहां प्रदूषण के मानकों का उल्लंघन हो रहा है।

इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शहर में प्रदूषण को थामने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, 'हम आपकी बात को सही मानते हैं, जब आप कहते हैं कि प्रदूषण से निपटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। आपका कहना है कि स्कूल बंद हैं। लेकिन स्कूल बंद नहीं है। छोटे बच्चे अब भी स्कूल जा रहे हैं।' इस पर एसजी मेहता ने कहा कि स्कूलों को 15 दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया गया था, लेकिन वे फिर से 29 नवंबर से खुल गए। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, 'आज का अखबार देखें। बच्चे स्कूल जा रहे हैं। क्या आप यह चाहते हैं कि हम किसी को नियुक्त करें, जो नियमों को लागू किए जाने की निगरानी करे।'

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