• Thu, 16 May, 2024
बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है ओमिक्रॉन, रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े

ताज़ा खबरें

Updated Mon, 10 Jan 2022 13:18 IST

बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है ओमिक्रॉन, रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ की वजह से पूरी दुनिया में कोविड-19 के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यह वेरिएंट कोरोना की अगली लहर नहीं, बल्कि सुनामी ला सकती है. वैसे तो इस वेरिएंट का खतरा हर उम्र के लोगों पर है, लेकिन बच्चों को लेकर काफी सावधानी बरतनी की जरूरत है.

अमेरिका से जिस तरह से बच्चों के कोरोना संक्रमित होने की खबर आ रही है, वह परेशान करने वाला है. नए वेरिएंट को देखते हुए विशेषज्ञ भी चिंतित हैं और इसीलिए उन्होंने टीकाकरण को तेजी से आगे बढ़ाने पर जोर दिया है.

अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के मुताबिक 23 दिसंबर वाले हफ्ते की बात करें, तो अमेरिका में करीब 199,000 बच्चों के कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई, जो कि महीने के शुरुआती आंकड़ों से 50 फीसद अधिक है. दूसरी ओर, 28 दिसंबर वाले सप्ताह में 17 उम्र तक के लोगों के अस्पताल मे भर्ती होने की संख्या करीब 378 थी, जो पहले सप्ताह की तुलना में 66.1% अधिक थी.

ये आंकड़े इससे पहले एक सितंबर को डेल्टा वेरिएंट की लहर में देखे गए थे. इसके बाद अस्पताल में भर्ती होने वाले वैसे लोग हैं, जिनकी उम्र 18 से 29 साल के बीच है. वैसे बुजुर्गों के मुकाबले युवाओं में गंभीर बीमारी का खतरा कम है.

टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल के पैथोलॉजिस्ट और इम्यूनोलॉजिस्ट जिम वर्सालोविक ने समाचार एजेंसी  एएफपी को बताया, ‘ओमिक्रॉन वेरिएंट से ज्यादा गंभीर संक्रमण नहीं हो रहा, लेकिन बच्चों को यह सबसे ज्यादा संक्रमित कर रहा है. इसी वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या में तेजी से बढ़ी है. हालांकि राहत की बात यह है कि बच्चों में भी बड़ों की तरह ओमिक्रॉन से हल्की बीमारी ही सामने आ रही है.

वैक्सीन ही कोरोना से बचाव
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय वैक्सीन लेना है और इसीलिए बिना समय गंवाए वैक्सीन लें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वैक्सीन लेने की बात हर किसी पर समान रूप से लागू होती है. अभी तक तो मामले सामने आए हैं उनको ध्यान में रखते हुए डॉक्टरो का भी यही कहना है कि अस्पतालों में जिन मरीजों की हालत गंभीर हो रही है उनमें अधिकतर वही हैं जिन्होंने टीका नहीं लिया है. भारत में भी आगामी 3 जनवरी से 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी, जबकि 2 से 15 साल तक के बच्चों के लिए वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है.

 

Latest news