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16 Dec, 2025
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Updated Sat, 19 Jun 2021 22:21 IST
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA), उसके अध्यक्ष, सचिव और अन्य से एक दीवानी मुकदमे में जवाब मांगा है. आयुर्वेदिक इलाज और दवाओं के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे जाने की भी मांग की गई है.
सिविल जज दीक्षा राव ने राजेंद्र सिंह राजपूत द्वारा दायर एक मुकदमे पर IMA, उसके अध्यक्ष डॉ जेए जयलाल, सचिव डॉ जयेश लेले, नेशनल मेडिकल कमीशन और भारतीय मानक ब्यूरो को नोटिस जारी किया और 9 जुलाई तक उनका जवाब मांगा. वकील भरत मल्होत्रा के जरिए दायर मुकदमे में अदालत से जयलाल, लेले और आईएमए को आयुर्वेद इलाज के खिलाफ कोई भी अपमानजनक बयान देने से रोकने का आग्रह किया गया है.
याचिका में न्याय के हित में आयुर्वेद में विश्वास करने वाले लोगों की भावनाओं को आहत नहीं करने का भी अनुरोध किया गया है. Covid-19 Vaccination और एलोपैथिक दवा की प्रभावकारिता के खिलाफ कथित टिप्पणियों के बाद योग गुरु रामदेव (Ramdev) और IMA प्रमुख के बीच जारी खींचतान के बीच अदालत का यह निर्देश आया है.
याचिकाकर्ता ने आईएमए अध्यक्ष और सचिव को किसी भी धर्म का प्रचार करने या हिंदुओं या अन्य की भावनाओं को आहत करने के लिए आईएमए के मंच का उपयोग करने से रोकने का अनुरोध किया है. आईएमए के शीर्ष अधिकारियों से एक धर्म के प्रचार और आयुर्वेदिक दवाओं या इलाज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए सार्वजनिक लिखित माफी मांगने को कहा गया है.







