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Updated Wed, 26 May 2021 13:39 IST
Narad Jayanti 2021: नारद जयंती 27 मई को मनाई जाएगी. इस दिन ऋषि नारद जी की पूजा-आराधना की जाती है. ऋषि नारद मुनि भगवान विष्णु के अनन्य भक्त और परमपिता ब्रह्मा जी की मानस संतान माने जाते हैं. ऋषि नारद भगवान नारायण के भक्त हैं, जो भगवान विष्णु जी के रूपों में से एक हैं. साथ ही नारद मुनि को देवताओं के संदेशवाहक के तौर पर भी जाना जाता है. नारद मुनि कई बार आवश्यक सूचनाओं का आदान-प्रदान भी करते थे. वह तीनों लोकों में संवाद का माध्यम बनते थे. ऐसे में कई स्थानों पर उन्हें पहले पत्रकार की संज्ञा भी दी गई है. ऋषि नारद मुनि प्रकाण्ड विद्वान थे. वह हर समय नारायण-नारायण का जाप किया करते थे. नारायण विष्णु भगवान का ही एक नाम है. उनके स्वरूप की बात करें तो उनके एक हाथ में वीणा और दूसरे हाथ में वाद्य यंत्र है. आइए जानें नारद जयंती का शुभ मुहूर्त और महत्व-
नारद जयंती का शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार नारद जयंती प्रति वर्ष ज्येष्ठ माह में कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है. नारद जयंती की तिथि 26 मई को शाम 4 बजकर, 43 मिनट से प्रारंभ और समापन 27 मई को दोपहर 1 बजकर, 2 मिनट पर होगा.
नारद जयंती की पूजा विधि
नारद जयंती के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें. वस्त्र धारण करें और पूजाघर की साफ-सफाई करें. साथ ही व्रत का संकल्प लें. इसके बाद ऋषि नारद का ध्यान करते हुए पूजा-अर्चना करें. नारद मुनि को चंदन, तुलसी के पत्ते, कुमकुम, अगरबत्ती, पुष्प, धूप चढ़ाएं. साथ ही अपनी सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों को दान दें.
नारद जयंती का महत्व







