अपर्णा यादव के BJP में शामिल होने पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "मुलायम सिंह की पुत्रवधू होने के बावजूद भी अपर्णा यादव ने अपने विचार रखे हैं। काफी दिनों की चर्चा के बाद उन्होंने BJP में शामिल होने का फैसला लिया।"
यह कदम राज्य विधानसभा चुनावों से पहले सपा को शर्मनाक स्थिति में डाल सकता है, लेकिन इसका कोई राजनीतिक असर होने की संभावना नहीं है।
अपर्णा यादव की शादी मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव से हुई है और उन्होंने 2017 के राज्य विधानसभा चुनावों में लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें उनकी हार हुई थी।
अपर्णा बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी से चुनाव हार गई थीं। हालांकि अपर्णा पिछले कुछ सालों से लखनऊ कैंट में काम कर रही हैं और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के कई कार्यक्रमों में शिरकत भी करती रही हैं।
सूत्रों ने कहा कि अगर अपर्णा औपचारिक रूप से BJP में शामिल होती हैं, तो उन्हें लखनऊ कैंट से BJP के टिकट पर उतारा जा सकता है। इस बीच लखनऊ कैंट से सांसद बीजेपी नेता रीता बहुगुणा जोशी ने अपने बेटे के लिए सीट की मांग की है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह ही अपर्णा यादव ठाकुर-बिष्ट पृष्ठभूमि से आती हैं। पूर्व पत्रकार अरविंद सिंह बिष्ट की बेटी, जो बाद में सूचना आयुक्त बनें, अपर्णा यादव का गृह राज्य उत्तराखंड है। उन्होंने मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी, UK से इंटरनेशनल रिलेशन और राजनीति में मास्टर डिग्री हासिल की है।
अपर्णा यादव एक संगठन, bAware चलाती हैं, जो महिलाओं के मुद्दों के लिए काम करता है और लखनऊ में इसका गायों के लिए एक आश्रय स्थल भी है। वह अतीत में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की 'विकास पहल' की प्रशंसा करने के लिए सुर्खियों में रहीं। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 11 लाख रुपए का दान भी दिया।