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1 लाख से ज्यादा जमाकर्ताओं को मिला पैसा, 90 दिन की डेडलाइन हमने तय कीः पीएम

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Updated Sun, 12 Dec 2021 14:24 IST

1 लाख से ज्यादा जमाकर्ताओं को मिला पैसा, 90 दिन की डेडलाइन हमने तय कीः पीएम

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली में बैंक जमा बीमा कार्यक्रम में जमाकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने कहा कि आज देश के लिए बैंकिंग सेक्टर के लिए और देश के करोड़ों बैंक अकाउंट होल्डर्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है. पीएम ने कहा कि  पहले जहां पैसा वापसी की कोई समयसीमा नहीं थी, अब हमारी सरकार ने इसे 90 दिन यानि 3 महीने के भीतर अऩिवार्य किया है. उन्होंने कहा कि दशकों से चली आ रही एक बड़ी समस्या का कैसे समाधान निकाला गया है, आज का दिन उसका साक्षी बन रहा है. आज के आयोजन का जो नाम दिया गया है उसमें डिपॉजिटर्स फर्स्ट की भावना को सबसे पहले रखना, इसे और सटीक बना रहा है. बीते कुछ दिनों में एक लाख से ज्यादा जमाकर्ताओं का बरसों से फंसा हुआ उनका पैसा वापस मिला है. ये राशि 1300 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है.

पीएम ने कहा कि कोई भी देश समस्याओं का समय पर समाधान करके ही उन्हें विकराल होने से बचा सकता है. लेकिन वर्षों तक एक प्रवृत्ति रही की समस्याओं को टाल दो. आज का नया भारत, समस्याओं के समाधान पर जोर लगाता है, आज भारत समस्याओं को टालता नहीं.

हमने इस राशि को बढ़ाकर फिर 5 लाख रुपए कर दिया- PM
पीएम ने कहा कि हमारे देश में बैंक डिपॉजिटर्स के लिए इंश्योरेंस की व्यवस्था 60 के दशक में बनाई गई थी. पहले बैंक में जमा रकम में से सिर्फ 50 हजार रुपए तक की राशि पर ही गारंटी थी. फिर इसे बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया गया था. यानि अगर बैंक डूबा, तो जमाकर्ताओं को सिर्फ एक लाख रुपए तक ही मिलने का प्रावधान था. ये पैसे भी कब मिलेंगे, इसकी कोई समय सीमा नहीं तय थी. गरीब की चिंता को समझते हुए, मध्यम वर्ग की चिंता को समझते हुए हमने इस राशि को बढ़ाकर फिर 5 लाख रुपए कर दिया.

मोदी ने कहा कि कानून में संसोधन करके एक और समस्या का समाधान करने की कोशिश की है. पहले जहां पैसा वापसी की कोई समयसीमा नहीं थी, अब हमारी सरकार ने इसे 90 दिन यानि 3 महीने के भीतर अऩिवार्य किया है. यानि बैंक डूबने की स्थिति में भी, 90 दिन के भीतर जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस मिल जाएगा. देश की समृद्धि में बैंकों की बड़ी भूमिका है. और बैंकों की समृद्धि के लिए जमाकर्ताओं का पैसा सुरक्षित होना उतना ही जरूरी है.हमें बैंक बचाने हैं तो जमाकर्ताओं को सुरक्षा देनी ही होगी.

मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में अनेक छोटे सरकारी बैंकों को बड़े बैंकों के साथ मर्ज करके, उनकी कैपेसिटी, कैपेबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी, हर प्रकार से सशक्त की गई है. जब RBI, को-ऑपरेटिव बैंकों की निगरानी करेगा तो, उससे भी इनके प्रति सामान्य जमाकर्ता का भरोसा और बढ़ेगा.

सामर्थ्य पर अविश्वास करने वाले लोग इसका मज़ाक उड़ाते थे- पीएम
उन्होंने कहा कि हमारे यहां समस्या सिर्फ बैंक अकाउंट की ही नहीं थी, बल्कि दूर-सुदूर तक गांवों में बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने की भी थी. आज देश के करीब-करीब हर गांव में 5 किलोमीटर के दायरे में बैंक ब्रांच या बैंकिंग कॉरस्पोंडेंट की सुविधा पहुंच चुकी है. आज भारत का सामान्य नागरिक कभी भी, कहीं भी, सातों दिन, 24 घंटे, छोटे से छोटा लेनदेन भी डिजिटली कर पा रहा है. कुछ साल पहले तक इस बारे में सोचना तो दूर, भारत के सामर्थ्य पर अविश्वास करने वाले लोग इसका मज़ाक उड़ाते फिरते थे.

पीएम ने कहा कि ऐसे अनेक सुधार हैं जिन्होंने 100 साल की सबसे बड़ी आपदा में भी भारत के बैंकिंग सिस्टम को सुचारु रूप से चलाने में मदद की है. जब दुनिया के समर्थ देश भी अपने नागरिकों तक मदद पहुंचाने में संघर्ष कर रहे थे, तब भारत ने तेज़ गति से देश के करीब-करीब हर वर्ग तक सीधी मदद पहुंचाई.

 

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