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गंगा में नाॅव संचालन को लेकर नाविकों के साथ बैठक सम्पन्न

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Updated Sat, 30 Apr 2022 1:52 IST

गंगा में नाॅव संचालन को लेकर नाविकों के साथ बैठक सम्पन्न

नगर आयुक्त श्री प्रणय सिंह के निर्देश पर प्रभारी अधिकारी (अनुज्ञप्ति) के नेतृत्व में दिनांक-28.04.2022 को नाविक संगठनों के साथ बैठक सम्पन्न की गयी, जिसमें अनुज्ञप्ति विभाग के उप प्रभारी (अनुज्ञप्ति) श्री अनुपम त्रिपाठी, अनुज्ञप्ति लिपिक एवं श्री कृष्ण मोहन भारती के नेतृत्व में गंगा नदी में नाॅव संचालन करने वाले नाविक संगठन के अध्यक्ष श्री प्रमोद माझी, प्रदीप कुमार साहनी, पृथ्वीनाथ साहनी, बबलू साहनी, दीपक साहनी, सत्यनारायण, रवि माझी, दुर्गा माझी, सरजू साहनी, गोविन्द साहनी, अजीत साहनी, बाबु आदि से गंगा नदी में संचालित होने वाली नाॅव/ मोटर बोटों का दिनांक-02 मई, 2022 से विभिन्न घाटों पर कैम्प लगाकर नये सिरे से लाइसेन्स नम्बर जारी कराने एवं सुरक्षा मानकों के अनुपालन के सम्बन्ध में बैठक सम्पन्न की गयी, जिसमें निम्नलिखित विन्दुओं पर सहमति के साथ कार्य को सम्पन्न कराने का निश्चय किया गयाः-


1.    नाविकों के नाॅव/ मोटरबोट के पंजीकरण जारी करते समय नाविक संगठन की भी स्वीकृति ली जाय, जिससे नाविक उनके लिये निर्धारित घाटों पर ही लाइसेंस जारी करा सके।
2.    सभी नाविकों को फोटोयुक्त पहचान पत्र प्रदान करने के सम्बन्ध में लाइसेंस जारी करते समय अपना समस्त विवरण निर्धारित प्रोफामें में भरकर फोटो सहित नगर निगम को देने हेतु सहमति व्यक्त की गयी।
3.    नाविकों के संगठन को यह स्पष्ट किया गया कि उनके नाॅव/ मोटर बोट पर सुरक्षा मानक नाॅव की यात्री क्षमता के अनुसार रखना होगा, यथा- लाइफ जैकेट, लाइफ ंिरंग, चार सेल का टार्च एवं 20 मीटर नायलान की रस्सी नॅाव पर रखना अनिवार्य होगा।
4.    नाविकों को नाॅव/ मोटर बोट पर ओवर लोडिंग पर जुर्माना नगर निगम, वाराणसी द्वारा निर्धारित किया जायेगा, जिसके लिये नाॅव/ मोटर बोट पर फ्लुरिसेंट पेंट की लाल पट्टी पेंट करायी जायेगी, जिसके पानी के भीतर जाने पर यह माना जायेगा कि उक्त नाॅव ओवर लोडेड है।
5.    जर्जर नाॅव/ मोटर बोट का लाइसेन्स निर्गत नही किया जायेगा।
6.    अवैध नाॅव/ मोटर बोट गंगा नदी में नही चलने दी जायेगी। यह वे नावें होगी जो लाइसेन्स विहिन होगी, जिससे इनकी पहचान करना स्पष्ट होगा। जो भी नाविक इस प्रकार की नाॅव का संचालन करते हुये पाया जायेगा, उसके विरुद्ध जल पुलिस के सहयोग से कानूनी कार्यवाही की जायेगी।


उपरोक्त समस्त विन्दुओं पर नाविक संगठनों द्वारा लिखित रूप से अपनी सहमति व्यक्त की गयी।

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