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Intel बनाएगी धरती की सबसे बड़ी चिप फैक्ट्री, यहां करेगी 1,48,000 करोड़ रुपये का निवेश

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Updated Sat, 22 Jan 2022 17:11 IST

Intel बनाएगी धरती की सबसे बड़ी चिप फैक्ट्री, यहां करेगी 1,48,000 करोड़ रुपये का निवेश

इंटेल कॉर्प अमेरिका के ओहियो प्रांत में 20 अरब डॉलर (करीब 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपये) की लागत से एक चिप बनाने वाला एक बड़ा प्लांट लगाने की योजना में है। यह प्लांट ओहियो राज्य के न्यू अल्बानी शहर में लगाया जाएगा और करीब एक 1,000 एकड़ की साइट में फैला होगा। इंटेल ने यह योजना ऐसे समय में बनाई है, जब पूरी दुनिया सेमीकंडक्टर की कमी से जूझ रही है और इसके चलते कार, स्मार्टफोन और लैपटॉप बनाने वाली कंपनियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंटेल इस प्लांट में चिप्स के उत्पादन के साथ अत्याधुनिक चिप्स बनाने को लेकर उन पर रिसर्च भी करेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि साइट पर कम से कम 3,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

इंटेल के सीईओ पैट जेल्सिंगर ने बताया, "हमारी उम्मीद है कि यह धरती पर मौजूद सबसे बड़ा सिलिकॉन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बन जाएगा।"

रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्लांट को बनाने का काम इसी साल शुरू हो जाएगा और 2025 से इसमें उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। कंपनी की योजना इस साइट पर दो प्लांट लगाने की है। इंटेल जल्द ही इस बारे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आधिकारिक तौर पर ऐलान करेगी।

रिपोर्ट के मुताबिक, इंटेल की योजना इस साइट का विस्तार कर इसे 2,000 एकड़ में करने की है, जिसमें आठ फैब यानी फैक्ट्रियां होंगी। बता दें कि सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को फैब कहा जाता है। ओहियो राज्य के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। इंटेल ने यह निवेश ऐसे समय में किया है, जब अमेरिका घरेलू स्तर पर चिप बनाने को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है।

इंटेल के सीईओ पैट जेल्सिंगर ने बताया, "पच्चीस साल पहले तक, पूरी दुनिया का करीब 37 फीसदी सेमीकंडक्टर का उत्पादन अमेरिका में होता था। हालांकि आज यह आंकड़ा घटकर केवल 12 फीसदी पर आ गया है।"

उन्होंने कहा, "यह एक बहुत बड़ी और महत्वपूर्ण इंडस्ट्री है। हम इसे अमेरिकी धरती पर अधिक बढ़ता हुआ देखना चाहते हैं। हम अमेरिका में जो नौकरियां जो देखना चाहते हैं, लंबी अवधि में जो टेक्नोलॉजिकल फ्यूचर देखना चाहते हैं, उसके लिए यह जरूरी है।"

पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा चिप उत्पाद ताइवान में होता है। ताइवान की कंपनी TSMC ने इंटेल को पछाड़ते हुए सबसे छोटे और सबसे तेज चिप्स बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बनने का तमगा हासिल कर लिया है। हालांकि कोरोना वायरस महामारी आने के बाद पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर या चिप्स की सप्लाई चेन पर असर पड़ा है, जिससके बाद से अमेरिका सहित तमाम देश इसका उत्पादन अपने देश में बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

भारत सरकार ने भी, कंपनियों को देश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रोत्साहन की पेशकश की है। सेमीकंडक्टर को इलेक्ट्रानिक डिवाइस का दिल कहा जाता है। जैसे कोई इंसान बिना दिल के जीवित नहीं रह सकता है, वैसी ही कोई भी इलेक्ट्रानिक डिवाइस सेमीकंडक्टर के बिना नहीं चल सकती है।


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