रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्लांट को बनाने का काम इसी साल शुरू हो जाएगा और 2025 से इसमें उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। कंपनी की योजना इस साइट पर दो प्लांट लगाने की है। इंटेल जल्द ही इस बारे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आधिकारिक तौर पर ऐलान करेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, इंटेल की योजना इस साइट का विस्तार कर इसे 2,000 एकड़ में करने की है, जिसमें आठ फैब यानी फैक्ट्रियां होंगी। बता दें कि सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को फैब कहा जाता है। ओहियो राज्य के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। इंटेल ने यह निवेश ऐसे समय में किया है, जब अमेरिका घरेलू स्तर पर चिप बनाने को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है।
इंटेल के सीईओ पैट जेल्सिंगर ने बताया, "पच्चीस साल पहले तक, पूरी दुनिया का करीब 37 फीसदी सेमीकंडक्टर का उत्पादन अमेरिका में होता था। हालांकि आज यह आंकड़ा घटकर केवल 12 फीसदी पर आ गया है।"
उन्होंने कहा, "यह एक बहुत बड़ी और महत्वपूर्ण इंडस्ट्री है। हम इसे अमेरिकी धरती पर अधिक बढ़ता हुआ देखना चाहते हैं। हम अमेरिका में जो नौकरियां जो देखना चाहते हैं, लंबी अवधि में जो टेक्नोलॉजिकल फ्यूचर देखना चाहते हैं, उसके लिए यह जरूरी है।"
पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा चिप उत्पाद ताइवान में होता है। ताइवान की कंपनी TSMC ने इंटेल को पछाड़ते हुए सबसे छोटे और सबसे तेज चिप्स बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बनने का तमगा हासिल कर लिया है। हालांकि कोरोना वायरस महामारी आने के बाद पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर या चिप्स की सप्लाई चेन पर असर पड़ा है, जिससके बाद से अमेरिका सहित तमाम देश इसका उत्पादन अपने देश में बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत सरकार ने भी, कंपनियों को देश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रोत्साहन की पेशकश की है। सेमीकंडक्टर को इलेक्ट्रानिक डिवाइस का दिल कहा जाता है। जैसे कोई इंसान बिना दिल के जीवित नहीं रह सकता है, वैसी ही कोई भी इलेक्ट्रानिक डिवाइस सेमीकंडक्टर के बिना नहीं चल सकती है।