सूचना और प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विक्रम सहाय ने आज कहा कि ताजा खुफिया इनपुट के आधार पर, सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को "फर्जी समाचार" और "भारत विरोधी समाचार" फैलाने के लिए कुछ अकाउंट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है।
- Thu, 16 May, 2024
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Updated Fri, 21 Jan 2022 20:45 IST
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विक्रम सहाय ने आज कहा कि ताजा खुफिया इनपुट के आधार पर, सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को "फर्जी समाचार" और "भारत विरोधी समाचार" फैलाने के लिए कुछ अकाउंट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है।
सहाय ने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 35 यूट्यूब चैनल, 2 ट्विटर अकाउंट, 2 इंस्टाग्राम अकाउंट, 2 वेबसाइट और एक फेसबुक अकाउंट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं। सहाय ने कहा कि ये सभी अकाउंट पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहे हैं और फर्जी भारत विरोधी खबरें और दूसरे कंटेंट फैलाते हैं।
यह भी देखा गया कि पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के निधन से जुड़ी YouTube चैनलों के जरिए बड़े पैमाने पर फर्जी खबरें फैलाई गईं।
भारतीय खुफिया एजेंसियां इन सोशल मीडिया अकाउंट्स और वेबसाइटों की बारीकी से निगरानी कर रही थीं, और तत्काल कार्रवाई के लिए उन्होंने मंत्रालय के सामने प्रस्ताव रखा था।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि इन यूट्यूब चैनलों के सब्सक्राइबरों की संख्या 1.20 करोड़ है, जिन्हें 130 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है।
उन्होंने कहा, "अब जब से यह प्रक्रिया शुरू हुई है, मुझे यकीन है कि इस तरह के ज्यादा से ज्यादा चैनल ब्लॉक हो जाएंगे। हमारी खुफिया एजेंसियां काम कर रही हैं। हम आपके समर्थन की भी उम्मीद करेंगे।"
यह अकाउंट कैसे करते थे काम
मंत्रालय की तरफ से ब्लॉत किए गए 35 अकाउंट सभी पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहे थे, और उनकी पहचान चार समन्वित दुष्प्रचार नेटवर्क (coordinated disinformation networks) के हिस्से के रूप में की गई थी।
इनमें 14 YouTube चैनल ऑपरेट करने वाला अपनी दुनिया नेटवर्क और 13 YouTube चैनल संचालित करने वाला तल्हा फिल्म्स नेटवर्क शामिल है। चार चैनलों का एक सेट और दो और चैनलों का एक सेट भी एक दूसरे के साथ तालमेल बिठाते हुए पाया गया।
ये सभी नेटवर्क भारतीय दर्शकों की ओर नकली समाचार फैलाने के एक ही लक्ष्य के साथ ऑपरेट होते दिखाई दिए। जो चैनल एक नेटवर्क का हिस्सा थे, वे आम हैशटैग और एडिटिंग स्टाइल का इस्तेमाल करते थे, आम लोगों द्वारा ऑपरेट किए जा रहे थे, और एक-दूसरे के कंटेंट को क्रॉस-प्रमोटेड कर रहे थे। कुछ YouTube चैनल पाकिस्तानी टीवी न्यूज चैनलों के एंकर चला रहे थे।