• Thu, 16 May, 2024
राहत देने वाला है IIT प्रोफेसर का विश्लेषण! केवल इतने दिनों में खत्म हो जाएगी तीसरी लहर

ताज़ा खबरें

Updated Mon, 10 Jan 2022 13:22 IST

राहत देने वाला है IIT प्रोफेसर का विश्लेषण! केवल इतने दिनों में खत्म हो जाएगी तीसरी लहर

देश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के आंकड़े अब डराने लगे हैं. सोमवार को स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार देश में 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण (Covid 19 in India) के 1,79,723 नए केस सामने आए हैं. इसी अवधि में 146 लोगों की मौत कोरोना से हुई है. कोरोना के सक्रिय केस बढ़कर 7,23,619 हो गए हैं. वहीं प्रतिदिन की पॉजिटिविटी दर 13.29 फीसदी हो गई है. वहीं देश में अब ओमिक्रॉन संक्रमण का कुल आंकड़ा बढ़कर 4033 हो गया है. इन सबके बीच विशेषज्ञ इस बात की भी आशंका जाहिर कर रहे हैं कि दिल्‍ली, मुंबई समेत देश के कुछ हिस्‍सों में कोरोना की तीसरी लहर आ गई है.

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर और गणितज्ञ मनिंद अग्रवाल ने भी इस संबंध में अपने अध्‍ययन के बारे में बात की है. उनका दावा है कि जनवरी के आखिरी तक भारत में कोरोना संक्रमण के 8 लाख तक केस देखते को मिल सकते हैं. साथ ही उन्‍होंने यह भी बताया है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर कब खत्‍म होगी. उन्‍होंने कहा, ‘मुंबई में कोरोना की तीसरी लहर इस महीने के मध्य में चरम पर पहुंचने की आशंका है. यह अब बहुत दूर नहीं है. दिल्ली के लिए भी ऐसा ही है.’

उनका कहना है, ‘मौजूदा प्रारंभिक गणना के अनुसार हम आशंका व्‍यक्‍त करते हैं कि दिल्‍ली में कोरोना की तीसरी लहर अगले महीने यानी फरवरी की शुरुआत में चरम पर पहुंच जाएगी.’ उन्‍होंने कहा, ‘दिल्ली और मुंबई के कोरोना ग्राफ जितनी तेजी से ऊपर गए हैं, उतनी ही तेजी से इनके नीचे आने की भी संभावना है. पूरे देश का ग्राफ अभी बढ़ना शुरू हुआ है. इसे चरम पर पहुंचने और नीचे आने में एक और महीने का समय लगना चाहिए. मार्च के मध्य तक भारत में महामारी की तीसरी लहर खत्म होने की संभावना है.’

लॉकडाउन पर मनिंद अग्रवाल का कहना है कि पहली लहर में बहुत सख्त लॉकडाउन ने कोरोना के प्रसार को दोगुना कम कर दिया था. दूसरी लहर के दौरान अलग-अलग राज्यों ने अलग-अलग रणनीति अपनाई थी. जिन राज्यों ने हल्के या मध्यम लॉकडाउन को ठीक से लागू किया, वहां भी कोरोना संक्रमण कम करने में मदद मिली.

उनका कहना है कि सख्त लॉकडाउन हमेशा अधिक मदद करता है लेकिन यह बहुत से लोगों के लिए आजीविका के पूर्ण नुकसान के रूप में होता है. हम हमेशा कोविड मौतों के बारे में बात करते हैं, लेकिन हमें कभी-कभी आजीविका के इस नुकसान से हुई मौतों के बारे में भी बात करनी चाहिए.

Latest news