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17 Dec, 2025
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Updated Mon, 29 Mar 2021 6:37 IST
नई दिल्ली/नोएडा/गाजियाबाद, होलिका दहन समय 2021: कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे और प्रभाव के बीच सोमवार को देशभर में रंगों का त्योहार होली मनाया जा रहा है। वहीं, इससे पहले दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, बिहार समेत भारत के तमाम राज्यों में रविवार शाम को होलिका दहन किया गया। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रविवार शाम 6 बजकर 37 मिनट से शुरू हुआ और रात 8 बजकर 56 मिनट तक ही रहा। दरअसल, दिल्ली-UP समेत पूरे भारत में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त सिर्फ 2 घंटे 20 मिनट के लिए ही रहा। इसी मुहुर्त में दिल्ली-एनसीआर में भी लोगों ने होलिका दहन के दौरान विधिवत पूजा भी की। वहीं, कई ज्योतिषियों के मुताबिक, रविवार को पूर्णिमा तिथि 27 की देर रात 2:28 बजे लगी जो 28 मार्च की देर रात 12:39 बजे तक रही, कई जगहों पर रात तक होलिका दहन किया गया।
होलिका दहन मार्च 28, 2021
होलिका दहन मुहूर्त : रविवार शाम 6 बजकर 37 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 56 मिनट तक रहा।
शुभ मुहूर्त की अवधि : 2 घंटे 20 मिनट रही।
होलिका दहन मुहूर्त : रविवार शाम 7:00 बजे से रात 12:39 बजे तक (कई ज्योतिषियों के मुताबिक)
विद्वानों के मुताबिक, भद्रा दिन में 1 बजकर 33 बजे समाप्त हुई और पूर्णिमा तिथि रात में 12:40 तक ही रहेगी। ऐसे में भद्रा रहित पूर्णिमा तिथि में ही होलिका दहन शुभ होता है और इस लिहाज से रविवार रात में 12:30 बजे से पूर्व होलिका दहन करना ठीक होगा, क्योंकि रात में 12:30 बजे के बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी।
वहीं, विद्वानों का कहना है कि होलिका दहन की लौ भी शुभ-अशुभ का भी संकेत देती है। कहा जाता है कि होलिका दहन के दौरान जब लौ पूर्व दिशा की ओर उठती है तो इससे भविष्य में धर्म, अध्यात्म, शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र में लाभ होता है। विकास होता है। इसके विपरीत होलिका दहन के दौरान अगर पश्चिम में आग की लौ उठे तो पशुधन को लाभ होता है। इसी तरह लौ के उत्तर की ओर रुख करने पर देश व समाज में सुख-शांति बनी रहती है। इसी कड़ी में दक्षिण दिशा में होली की लौ हो तो अशांति और क्लेश बढ़ता है। झगड़े-विवाद होते हैं। पशुधन की हानि होती है और तो और आपराधिक मामले भी बढ़ते हैं।
होलिका दहन के पूरे दिन किसी से भी पैसे उधार न लें। इस दिन सफेद खाद्य पदार्थ ग्रहण नहीं करना चाहिए।
इस दिन कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य नहीं करें। होलिका दहन पूजन के दौरान हमेशा अपना सिर कपड़े से ढककर ही पूजा करें, इसे शुभ माना जाता है। नवविवाहित महिलाएं व सास और बहू एक साथ होलिका दहन न देखें। ऐसा करना कतई शुभ नहीं होता है।
चार शुभ मुहूर्त
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