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भगोड़े नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण पर UK हाईकोर्ट में आज है सुनवाई

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Updated Tue, 14 Dec 2021 12:06 IST

भगोड़े नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण पर UK हाईकोर्ट में आज है सुनवाई

लंदन. पंजाब नेशनल बैंक के मास्टरमाइंड और भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण की अपील पर मंगलवार इंग्लैंड के हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. नीरव मोदी ने मानसिक स्वास्थ्य और मानवाधिकार आधारों पर राहत के लिए अपील कर रखी है. इस साल अगस्त की शुरुआत में नीरव मोदी को इस आधार पर इंग्लैंड से भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति दी गई थी कि भारत लौटने से उसका मानसिक स्वास्थ्य खराब होगा और वह आत्महत्या कर सकता है.

नीरव मोदी के वकील लंबे समय से तर्क दे रहे हैं कि उनके मुवक्किल गंभीर अवसाद से पीड़ित हैं. अगर उन्हें मुंबई की आर्थर रोड जेल में कैद किया जाता है, तो उन्हें पर्याप्त चिकित्सा देखभाल नहीं मिलेगी. नीरव मोदी के वकीलों ने कहा कि मार्च 2019 में लंदन में उनकी गिरफ्तारी और कोविड -19 महामारी के दौरान जेलों पर लगाए गए सख्त प्रतिबंधों के बाद दक्षिण लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में उनकी मानसिक स्थिति और बिगड़ गई थी. उन्होंने कई चिकित्सा विशेषज्ञों को भी इस बात का सबूत देने के लिए पेश किया था कि नीरव मोदी को आत्महत्या करने का भारी खतरा है.

नीरव मोदी पर क्या है आरोप?
नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला करने का आरोप है. यह धोखाधड़ी गारंटी पत्र के जरिए की गई. उस पर भारत में बैंक घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दो प्रमुख मामले सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज किए हैं. सीबीआई और ईडी के अनुरोध पर ब्रिटेन से उसका प्रत्यर्पण अगस्त, 2018 में मांगा गया था. घोटाले के बाद भारत से भागने वाला नीरव मोदी इस समय लंदन की एक जेल में बंद है.

कैसे दिया गया अंजाम
हांगकांग से जेवरातों की खरीद करने के लिए भारत के बिजनेसमैन नीरव मोदी और उनके साथियों को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) दिया गया था. पीएनबी द्वारा जरिए गए एलओयू के आधार पर ऊपर बताए गए बैंकों ने इन लोगों को क्रेडिट पर पैसे दिए थे. जिसके बाद इन लोगों ने इन पैसों से खरीददारी की थी.

10 कर्मचारियों को किया बर्खास्त
इस मामले के सामने आते ही पंजाब नेशनल बैंक ने अपने 10 कर्मचारियों को नौकरी से तुरंत बर्खास्त कर दिया. वहीं बताया जा रहा है कि पहले इन पैसों को सीबीएस (कोर बैंकिंग) प्रणाली द्वारा भेजा जाना था. लेकिन बाद में स्विफ्ट प्रणाली की मदद से रकम में वृद्धि करके ये घोटाला किया गया.

15 अप्रैल को प्रत्यर्पण ऑर्डर पर हुए थे साइन

इस साल 15 अप्रैल को ब्रिटेन की सरकार ने नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण के बारे में एक ऑर्डर साइन किया था. इससे पहले 25 फरवरी को डिस्ट्रिक्ट जज नें नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले में फैसला दिया था. नीरव मोदी ने इसे चुनौती देने के लिए ब्रिटेन के हाईकोर्ट में एक अपील दायर की है. नीरव मोदी की याचिका में भारत में उचित मुक़दमा नहीं चलने और राजनीतिक कारणों से उन्हें निशाना बनाने की चिंता जाहिर की गई है. याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत में जेलों की स्थिति खराब है और उसके खिलाफ सबूत कमजोर हैं.

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