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Updated Fri, 2 Jul 2021 15:03 IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स (Petroleum Products) पर सीमा शुल्क (Custom duty) और उत्पाद शुल्क (Excise duty) के रूप में इनडायरेक्ट टैक्स रेवेन्यू (Indirect Tax Revenue) बढ़कर कुल 4,51,542.56 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. यह पिछले साल के मुकाबले करीब 56.5 प्रतिशत ज्यादा है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, यह खुलासा सूचना के अधिकार (RTI) से हुआ है. बता दें कि यह आकंड़े तब सामने आए हैं, जब पेट्रोल-डीजल की कीमतों के आसमान छूने के चलते केंद्र (Central Government)और राज्य सरकारों के फ्यूल पर टैक्स-सेस घटाने की मांग चल रही है.
2019-20 में में 46 हजार करोड़ रुपए का रेवेन्यू
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के इम्पोर्ट पर 37,806.96 करोड़ रुपए कस्टम ड्यूटी वसूली गई. वहीं, देश में इन प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी से 4.13 लाख करोड़ रुपए की कमाई हुई. आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक 2019-20 में पेट्रोलियम पदार्थों के इम्पोर्ट पर सरकार को सीमा शुल्क के रूप में 46,046.09 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला. वहीं, देश में इन प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी से 2.42 लाख करोड़ रुपए की वसूली हुई. यानी दोनों टैक्स के मद में सरकार ने 2019-20 में कुल 2,88,313.72 करोड़ रुपये कमाए.
RTI में मांगी गई थी जानकारी







