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Updated Sat, 5 Jun 2021 0:08 IST
किसी भी नवजात बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए मां का दूध सर्वोत्तम माना गया है. इसीलिए अब तक इसका कोई विकल्प ढूंढा नहीं जा सका था. हालांकि अब उन बच्चों को ब्रेस्ट मिल्क (World’s First Human Breast Milk) मुहैया कराने की तैयारी हो चुकी है, जिन्हें मां के बायलॉजिकल कारणों की वजह से ये नहीं मिल पाता था.
बायोमिल्क (Biomilk) नाम के एक स्टार्ट अप ने लैब में ह्यूमन मिल्क ( Breast Milk has been formulated in lab) तैयार करने में कामयाबी हासिल की है. ज्यादातर महिला कर्मचारियों वाली इस कंपनी के तैयार किए गए दूध को काफी हद तक मां के दूध (Mothers's Milk) का विकल्प माना जा सकता है. इस दूध को महिलाओं की स्तन कोशिकाओं (female breast cells)के ज़रिये तैयार करने की कोशिश की गई है. ऐसे में दूध में वो सारे पौष्टिक तत्व पाए गए हैं, जो मां के दूध में होते हैं.
फॉर्मूला मिल्क से अलग है ये दूध
कंपनी का कहना है कि मैक्रोन्यूट्रिएंट प्रोफाइल (macronutrient profile) के हिसाब से देखा जाए तो इस दूध में सभी तरह के प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैटी एसिड और बायोएक्टिव लिपिड्स मौजूद हैं. आम तौर पर ये सारी चीज़ें मां के दूध में पाई जाती हैं. सिर्फ इस दूध में मां के दूध की तरह एंटीबॉडीज़ नहीं हैं. हालांकि इसके बिना भी कंपनी का दावा है कि उनका प्रोडक्ट काफी बेहतर है और ब्रेस्ट मिल्क से बहुत ज्यादा मिलता जुलता है. ये बच्चे के इम्यून सिस्टम को डेवलप करने में मदद देगा. आंतों और दिमाग के विकास में भी ये दूसरे प्रोडक्ट्स से ज्यादा मदद पहुंचाएगा.
3 साल के अंदर पहुंच जाएगा बाज़ार तक
इस स्टार्ट अप को शुरू करने वाली बायोलॉजिस्ट डॉक्टर स्ट्रिकलैंड (Dr Leila Strickland) का कहना है कि उन्हें ये आइडिया खुद मां बनने के बाद आया. उन्होंने एक प्रीमेच्योर बच्चे को जन्म दिया था, ऐसे में ब्रेस्ट मिल्क मुहैया कराने को लेकर उन्हें काफी दिक्कत हुई. यही वजह है कि उन्होंने खुद साल 2013 में ही महिलाओं की स्तन कोशिकाएं लैब में डेवलप (World’s first cell cultured human milk outside of the breast) करनी शुरू कर दीं. साल 2019 में उन्होंने खाद्य वैज्ञानिक मिशेर एगर के साथ मिलकर स्टार्टअप की शुरुआत की. अब उनका प्रोडक्ट 3 साल के अंदर बाजार में आ जाएगा.