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Updated Thu, 30 Dec 2021 12:43 IST
नई दिल्ली. दिल्ली में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण और ओमिक्रॉन के मामलों को रोकने के लिए यलो अलर्ट लागू कर दिया गया है. इसके बाद लगी कुछ पाबंदियों के साथ ही दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों की क्षमता को भी 50 फीसदी सीटिंग कर दिया गया है. किसी भी यात्री को खड़ा होकर सफर करने की अनुमति नहीं दी गई है.
इसके बाद मेट्रो स्टेशनों के बाहर यात्रियों की लंबी-लंबी कतारें लग गई हैं. इससे निपटने के लिए और कोविड नियमों को सख्ती से पालन कराने के लिए 15 फ्लाइंग स्क्वाड तैनात की गई हैं.
इसके बाद और सख्त कदम उठाते हुए दिल्ली मेट्रो ने नए साल के आगमन के मद्देनजर भी कुछ एहतियातन निर्णय लिए हैं. नए साल की पूर्व संध्या पर राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर भीड़ एकत्र नहीं हो, इसलिए यहां पर मेट्रो ट्रेन के एग्जिट गेट नहीं खोलने का फैसला किया है. अक्सर लोग न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए कनॉट प्लेस पहुंचते हैं. इसके लिए पहुंंचने का अच्छा माध्यम मेट्रो ही होती है. इस सभी को देखते मेट्रो प्रशासन ने यह कदम उठाया है. हालांकि कोरोना गाइडलाइंस के मुताबिक भीड़ एकत्र करके सेलिब्रेशन करने की अनुमति भी नहीं है. पुलिस व प्रशासन भी इसको लेकर पूरी तरह से सतर्क है.
मेट्रो की ओर से फैसला किया गया है कि नए साल की पूर्व संध्या (31 दिसंबर, 2021) पर भीड़भाड़ को कम करने के लिए, राजीव चौक मेट्रो स्टेशन से रात 9 बजे से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी. हालांकि स्टेशन से आखिरी ट्रेन के छूटने तक यात्रियों को प्रवेश की अनुमति होगी. यात्रियों से आग्रह है कि वो अपनी यात्रा की योजना इसको ध्यान में रखते हुए बनाएं.
बताते चलें कि जब से नए कोविड नियम लागू हुए हैं और 50 फीसदी यात्री क्षमता हुई है यात्रियों को परेशानी हो रही है. यात्रियों की लंबी कतार स्टेशन के बाहर एंट्री गेट पर लगने से जहां भारी भीड़ हो रही है.
वहीं कोविड-19 (Covid-19) संक्रमण के और फैलने की प्रबल संभावनाएं पैदा होती जा रही हैं. बड़ी संख्या में लोगों का लाइन में लगा होना एक बड़े खतरे को न्योता दे रहा है. इसके साथ ही यात्रियों को एंट्री के लिए लंबा इंतजार भी करना पड़ रहा है. इससे उनको आफिस जाने के लिए भी काफी वक्त लग जा रहा है. मेट्रो प्रशासन इस समस्या को दूर करने की हरसंभव कोशिश भी कर रहा है.
इस बीच देखा जाए तो मेट्रो के कोच में करीब 50 यात्रियों के बैठने के लिए सीट होती है, यानी आठ कोच की मेट्रो में 400 यात्री सीट पर बैठकर यात्रा कर सकते हैं. अब 50 फीसद क्षमता के साथ मेट्रो चल रही है, ऐसे में आठ कोच में 200 और छह कोच में 150 यात्री सफर कर पा रहे हैं. वैसे खड़े होने के लिए जगह अधिक होती है. इसलिए करीब 350 यात्रियों के सफर करने की क्षमता होती है. इस लिहाज से मेट्रो का परिचालन करीब 5 फीसदी क्षमता से ही हो रहा है.
वहीं, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) की ओर से कोरोना अनुरूप व्यवहार (CAB) के सख्ती से पालन के लिए ही दिल्ली मेट्रो में सफर कर रहे यात्रियों पर फ्लाइंग स्क्वाड की नजर रखने की व्यवस्था की गई है. यात्रियों से सख्ती से कोरोना अनुरूप व्यवहार का पालन कराने के साथ ही अगर मेट्रो ट्रेनों या मेट्रो स्टेशन परिसर में कोई यात्री कोरोना नियमों का उल्लंघन करता है तो उनको दंडित किया जा रहा है.