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ED को वेबसाइट के खिलाफ मामले में गौतम नवलखा का बयान दर्ज करने की अनुमति

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Updated Wed, 30 Jun 2021 21:17 IST

ED को वेबसाइट के खिलाफ मामले में गौतम नवलखा का बयान दर्ज करने की अनुमति

मुंबई . यहां राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) (enforcement directorate) (ED) को समाचार वेबसाइट ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ धनशोधन जांच के सिलसिले में एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार कार्यकर्ता गौतम नवलखा का बयान दर्ज करने की बुधवार को अनुमति दे दी. नवलखा फिलहाल नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद है. ईडी (ED) ने एनआईए की एक विशेष अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया था जिसमें वेबसाइट के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले में उनका बयान दर्ज करने का अनुरोध किया गया था.
न्यायाधीश डी ई कोठालीकर ने एजेंसी की याचिका मंजूर कर ली. न्यूजक्लिक के खिलाफ दिल्ली पुलिस (delhi police) द्वारा दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के बाद ईडी ने ‘संदिग्ध’ विदेशी वित्त पोषण के संबंध में पोर्टल के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया था. ईडी ने इस साल फरवरी में वेबसाइट के कार्यालय और दिल्ली में उसके प्रवर्तकों की संपत्तियों पर छापा मारा था. गौरतलब है कि नवलखा 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एक सम्मेलन एल्गार परिषद के संबंध में गिरफ्तार किए गए कई कार्यकर्ताओं में से हैं.

पुणे पुलिस ने दावा किया था कि इस कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण देने से अगले दिन कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क गई थी और इस सम्मेलन को माओवादियों का समर्थन प्राप्त था. बाद में इस मामले की जांच एनआईए ने अपने हाथों में ले ली थी.

पुणे की अदालत ने मुकदमा एनआईए अदालत को हस्तांतरित कर दिया था 

एलगार परिषद मामले (Elgar Parishad Case) की सुनवाई कर रही पुणे की एक अदालत ने शुक्रवार को एक आदेश पारित करते हुए यह मुकदमा मुंबई की विशेष एनआईए अदालत (NIA Court) को हस्तांतरित कर दिया. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस आर नवंदर ने यह आदेश पारित किया. अदालत द्वारा आदेश पारित किए जाने से पहले अभियोजन पक्ष ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की उस याचिका पर कोई आपत्ति नहीं है, जिसमें मामला हस्तांतरित किए जाने का अनुरोध किया गया है.

केंद्र ने पिछले महीने मामले की जांच पुणे पुलिस से एनआईए को हस्तांतरित कर दिया था और शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार ने इस कदम की आलोचना की थी. एनआईए ने जनवरी के आखिरी सप्ताह में अदालत से अनुरोध किया था. ये मामला 31 दिसंबर 2017 का है. जब पुणे के शनिवारवाडा में एल्गार परिषद कॉन्क्लेव में कथित तौर पर आपत्तिजनक भाषण दिए गए थे. पुलिस का दावा है कि इन भाषणों के बाद ही कोरेगांव भीमा वॉर मेमोरियल के पास अगले दिन दंग भड़क उठे थे. पुणे पुलिस का दावा है कि यही कॉन्क्लेव माओवादियों का समर्थन करती है.

 

 
 
 
 

 

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