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दिल्ली सरकार ने 4 बड़े निजी अस्पतालों को बनाया Omicron का डेडिकेटेड सेंटर, राजधानी अलर्ट मोड पर

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Updated Sat, 18 Dec 2021 16:58 IST

दिल्ली सरकार ने 4 बड़े निजी अस्पतालों को बनाया Omicron का डेडिकेटेड सेंटर, राजधानी अलर्ट मोड पर

नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में जैसे ही कोविड 19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के केस बढ़ने शुरू हुए हैं, उससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने कमर कस ली है. सरकार ने 4 प्राइवेट अस्पतालों सर गंगा राम अस्पताल, मैक्स (साकेत), फोर्टिस (वसंत कुंज) और बत्रा अस्पताल (तुगलकाबाद) को कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के लिए डेडीकेटेड अस्पताल के रूप में परिवर्तित किया है.

LNJP अस्पताल समेत दिल्ली के कुल 5 अस्पताल अब ओमिक्रॉन वेरिएंट का इलाज मुहैया कराएंगे. दिल्ली में हर रोज ओमिक्रॉन के नए मरीज बढ़ रहे हैं, नए वैरिएंट के अब तक 22 केस सामने आ चुके हैं. दिल्ली में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. शुक्रवार को 12 नए मामले सामने आने के साथ अब तक कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 22 हो गई. हालांकि अधिकारियों ने बताया कि इन मरीजों में से ज्यादातर का टीकाकरण हो चुका है और इनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हैं.

दिल्ली में 22 मरीजों में 10 की छुट्टी

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि 22 मरीजों में से 10 को छुट्टी मिल चुकी है. एलएनजेपी अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि ज्यादातर मरीजों का टीकाकरण हो चुका है और उनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हैं. इस अस्पताल में ओमिक्रॉन मामलों के उपचार और मरीजों को विशेष निगरानी में रखा जा रहा है. डॉक्टर ने बताया कि इनमें से कुछ मरीजों में संक्रमण के आंशिक लक्षण जैसे कि हल्का बुखार, बदन दर्द और गले में खराश है.

एलएनजेपी के चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में 40 लोग अस्पताल के विशेष सुविधा केंद्र में भर्ती हैं. वहीं, कोरोना के नए वेरिएंट के दो वे मरीज हैं जो हवाई अड्डे पर आगमन पर संक्रमित पाए गए व्यक्तियों के संपर्क में आए थे.

दिल्‍ली में मौजूद ITBP का अस्पताल भी हो सकता है मददगार

दिल्‍ली में कोरोना के साथ नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में दिल्‍ली-एनसीआर में मौजूद आईटीबीपी के कई अस्‍पताल बेहद मददगार साबित हो सकते हैं. आईटीबीपी के सरदार बल्लभ भाई पटेल कोविड अस्पताल में मरीजों के लिए 650 बेड की सुविधा है, जिसमें से150 आईसीयू बेड (ICU) और 500 ऑक्सीजन बेड हैं. यही नहीं, दिल्ली-एनसीआर में तकरीबन 200 से 250 अर्धसनिक बलों के डॉक्टरों द्वारा अस्पतालों में इलाज किया जाता है.

दिल्ली-एनसीआर में कोरोना के पहली और दूसरे चरण के दौरान लगातार संक्रमण के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा था, उस वक्त अर्ध सैनिक बल आईटीबीपी द्वारा प्रारंभ किए गए दो अस्‍पताल लोगों के लिए वरदान साबित हुए थे.

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