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बच्चों की वैक्सीन आ जाने के बाद कोरोना टीकाकरण में आएगी तेजी, राष्ट्र के नाम संबोधन में बोले पीएम मोदी

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Updated Mon, 7 Jun 2021 18:31 IST

बच्चों की वैक्सीन आ जाने के बाद कोरोना टीकाकरण में आएगी तेजी, राष्ट्र के नाम संबोधन में बोले पीएम मोदी

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कोरोना वायरस के बच्चों पर असर को लेकर चिंता जताई और कहा कि इसके लिए दो वैक्सीन का परीक्षण देश में चल रहा है. राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, 'हमारे बच्चों को लेकर चिंता जताई गई है. इस दिशा में दो वैक्सीन का ट्रायल तेजी से चल रहा है. इसके अलावा देश में एक नेजल वैक्सीन पर रिसर्ज जारी है. इसे सीरींज से न देकर नाक में स्प्रे किया जाएगा. देश को अगर निकट भविष्य में इसमें सफलता मिलती है, तो इससे देश की वैक्सीन वाली स्थिति में और तेजी आएगी.'

उन्होंने आगे कहा, 'आने वाले दिनों में वैक्सीन की सप्लाई और भी ज्यादा बढ़ने वाली है. आज देश में 7 कंपनियां विभिन्न प्रकार की वैक्सीन का प्रोडक्शन कर रही है. तीन और वैक्सीन का एडवांस ट्रायल चल रहा है. दूसरे देशों से भी वैक्सीन खरीदने की प्रक्रिया तेज की जा रही है.'

पीएम मोदी ने ऐसे सभी परिवारों से संवेदना जताई, जिन्होंने अपने परिजनों और परिचितों को खोया है. उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से हम भारतवासियों की लड़ाई जारी है और इस लड़ाई के दौरान भारत बड़ी पीड़ा से गुजरा है. पीएम मोदी ने कोरोना वायरस को बीते 100 वर्षों में आई सबसे बड़ी महामारी बताया और कहा, 'इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने ना देखी थी और ना अनुभव की थी. इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है.

 

वैक्सीन को लेकर पीएम मोदी ने क्या कहा

पीएम मोदी ने कहा, 'पोलियो की वैक्सीन हो, चेचक की वैक्सीन हो, हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन हो, इनके लिए देशवासियों ने दशकों तक इंतजार किया था. 2014 में जब देशवासियों ने हमें सेवा का अवसर दिया तो भारत में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60 प्रतिशत के आसपास था. हमारी दृष्टि में ये चिंता की बात थी. जिस रफ्तार से भारत का टीकाकरण चल रहा था, उस हिसाब से देश को शत-प्रतिशत टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य हासिल करने में करीब 40 साल लग जाते. हमने इस समस्या के समाधान के लिए मिशन इंद्रधनुष को शुरू किया.'

'देश में 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है'

जब नीयत साफ होती है, नीति स्पष्ट होती है, निरंतर परिश्रम होता है तो नतीजे भी मिलते हैं. हर आशंका को दरकिनार करके भारत ने 1 साल के भीतर ही 1 नहीं, बल्कि 2 मेड इन इंडिया वैक्सीन्स लॉन्च कर दीं. हमारे देश ने, वैज्ञानिकों ने ये दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों से पीछे नहीं है. आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो देश में 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. पिछले काफी समय से देश लगातार जो प्रयास और परिश्रम कर रहा है, उससे आने वाले दिनों में वैक्सीन की सप्लाई और भी ज्यादा बढ़ने वाली है. आज देश में सात कंपनियां, विभिन्न प्रकार की वैक्सीन्स का प्रोडक्शन कर रही हैं. तीन और वैक्सीन्स का ट्रायल भी एडवांस स्टेज में चल रहा है.'

 

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