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चीन ने बनाया अपना 2022 का स्पेस प्लान, अमेरिका से बराबरी की है तैयारी

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Updated Sat, 8 Jan 2022 19:58 IST

चीन ने बनाया अपना 2022 का स्पेस प्लान, अमेरिका से बराबरी की है तैयारी

चीन ने इस साल अपना खुद का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पूरी तरह से तैयार करने के संकल्प लिया है. उसका कहना है कि इस साल वह अंतरिक्ष में 40 प्रक्षेपण कर अमेरिका (USA) के सालाना अंतरिक्ष प्रक्षेपण के करीब आ जाएगा. चीन की महत्वाकांक्षा अंतरिक्ष के क्षेत्र में दुनिया की महाशक्तियों में गिने जाने की है. इसके लिए वह बहुत तेजी से काम भी कर रहा है और सफल भी हो रहा है. ऐसे कई अभियान भी हैं जो उसके अलावा दुनिया में कोई भी नहीं कर सका है. चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी सिनहुआ के मुताबिक चाइना एरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन (CASC) ने हाल ही में यह ऐलान किया है.

ये प्रमुख अभियान होंगे
इस साल चीन के प्रमुख अंतरिक्ष प्रक्षेपणों में दो शेनझोउ क्रू अभियान होंगे, दो तियानझोउ कार्गो अंतरिक्ष यान और स्पेस स्टेशन के दो अतिरिक्त मॉड्यूल शामिल हैं. मेंगतान और वेनतियान नाम के दो वैज्ञानिक मॉड्यूल तियानहे कोर मॉड्यूल से जुड़ेंगे जहां तीन अंतरिक्ष यात्री पहले से ही काम कर रहे हैं.

अमेरिका के करीब
इस प्रक्षेपणों का कार्यक्रम दर्शाता है कि किस तरह से चीन के परम्परागत और सावधानी पूर्वक तैयार की गई योजना अंतरिक्ष अन्वेषण में आगे बढ़ती जा रही है. अमेरिका भी इस साल इतने ही अंतरिक्ष प्रक्षेपणों की योजना बना रहा है. पिछले साल कोविड-19 की वजह से उसके प्रक्षेपण कार्यक्रमों की रफ्तार धीमी हो गई थी.

क्यों धीमी हुई नासा की रफ्तार
महामारी के दौरान अमेरिका में सबसे बुरा असर कम्प्यूटर चिप्स की आपूर्ति प्रभावित हुई थी. इसके अलावा रॉकेट में ईंधन की तरह उपयोग में लाए जाने वाला तरल ऑक्सीजन कोविड-19 के मरीजों के लिए चला गया था जिससे प्रक्षेपण कार्यक्रम बाधित हुए थे. ये दो प्रमुख कारण थे जिससे नासा का सालाना कार्यक्रम प्रभावित हुआ था.

इस साल नासा का भी एक प्रमुख प्रक्षेपण
पिछले साल नासा का आर्टिमिस अभियान के पहले चरण का प्रक्षेपण नहीं हो सका था जो इस साल मार्च में होने की संभावना है. इस स्पेस लॉन्च सिस्टम अब तक का सबसे बड़ा रॉकेट है जो चंद्रमा पर इंसानों को भेजने के लिए उपयोग में लाया जाएगा. 1010 मीटर लंबा यह रॉकेट मार्च में चंद्रमा पर बिना यात्रियों के परीक्षण के तौर पर जाएगा.

चीन का स्पेस स्टेशन
चीन की सेना द्वारा संचालित अंतरिक्ष कार्यक्रम पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में भागीदारी से अमेरिका की आपत्ति के बाद रोक दिया गया था. इसके बाद चीन ने खुद की ही इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तैयार करने का फैसला किया था. अब तियांगोग स्पेस स्टेशन प्रोग्राम के मुख्य मॉड्यूल अंतिरक्ष में काम करने लगा है जिसे तीन अंतरिक्ष यात्री संचालित भी कर रहे हैं.

2003 में अंतरिक्ष में गया था पहला चीनी यात्री
अभी छह महीने का अभियान शेनझोउ-13 चीन का पहला इतना लंबा अंतरिक्ष अभियान चल रहा है. चीन ने अपना पहला अंतरिक्ष यात्री को साल 2003 में अंतिरक्ष में पहुंचाया था और तब वह अमेरिका और रूस के बाद ऐसा करने वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया था. पिछले साल अंतरिक्ष में प्रक्षेपित हुआ स्पेस स्टेशन कुल 66 टन वजन को होगा जबकि 1997 का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन 450 टन का है.

अभी तक ये हो चुके हैं काम
वर्तमान में स्पेस स्टेशन के क्रू ने दो स्पेसवॉक किए हैं जिसमें एक महिला चीनी अंतरिक्ष यात्री भी है. इसके अलावा स्टेशन की रोबोटिक सेवा की भुजा का परीक्षण भी हो चुका है. इसके इस पर पहली बार अंतरक्ष में गए तियानजोउ-2 कार्गो यान को भी सफलता पूर्वक स्पेस स्टेशन से जोड़ दिया गया है. चीन इस साल चंद्रमा के लिए भी एक अंतरिक्ष यान भेजने वाला है जिसके साथ वह यूतू 2 नाम का रोवर चंद्रमा के पीछे की ओर भेजेगा. चीन एक बहुत ही गुप्तरूप से एक अंतरिक्ष विमान भी विकसित करने में लगा है और इसके साथ ही उसके बहुत विशाल क्षमता वाले रॉकेट का भी परीक्षण जारी है.

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