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16 Dec, 2025
राज्य
Updated Wed, 24 Mar 2021 5:15 IST
बिहारशरीफ: नालंदा जिले के बिहारशरीफ की अदालत का एक फैसला लोगों के बीच चर्चा में है. अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. सबूत रहते हुए भी 'अपहरण' के आरोपी को बरी कर दिया गया. मामला एक नाबालिग को भगा कर शादी करने और शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी किशोर को सबूत रहते हुए बरी करने का है.
दरअसल मामला दो नाबालिग प्रेमियों से जुड़ा है. TOI की खबर के मुताबिक इस केस में बिहारशरीफ कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी नाबालिग पिता को बरी कर दिया. कोर्ट के इस फैसले पीछे बड़ा मानवीय पहलू है. कोर्ट ने नाबालिग पिता को इसलिए बरी कर दिया क्योंकि इसका सीधा असर उसके 4 महीने के मासूम बच्चे पर पड़ता. किशोर न्याय परिषद (जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड) ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 16 वर्षीय किशोर को अपरहरण के आरोपों से बरी करते हुए, नाबालिग को 'लिव-इन पार्टनर' के तौर पर साथ रहने और उनकी 8 माह की बच्ची की देखभाल करने की अनुमति दी है.
फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा, 'यह आदेश एक अपवाद है और इसका उपयोग एक नाबालिग के अपहरण से जुड़े अपराध में लाभ उठाने के लिए नहीं किया जा सकता.' अदालत ने ये भी फैसला दिया कि 17 साल की किशोरी ऑनर किलिंग की शिकार हो सकती है क्योंकि उसके पिता ही कह चुके हैं कि उन्होंने अपनी बेटी के साथ संबंध तोड़ लिए हैं.
सरकारी वकील राजेश पाठक ने बताया, अप्रैल 2019 में एक 16 वर्षीय किशोरी के पिता ने 17 वर्षीय किशोर और उसके माता-पिता और दो बहनों के खिलाफ नूरसराय पुलिस स्टेशन में अपहरण का मामला दर्ज कराया था. मामले में जांच अधिकारी ने किशोर के माता-पिता और उसकी बहनों के नाम हटा दिए क्योंकि अपराध में उनकी भागीदारी साबित नहीं हुई थी. तब मामला नालंदा जेजेबी (जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड) अदालत में भेजा गया था. पाठक ने कहा कि नाबालिग किशोरी 23 अगस्त, 2019 को जेजेबी कोर्ट में पेश हुई और उसने दावा किया कि वह अपने प्रेमी के साथ अपनी मर्जी से भाग गई थी और उन्होंने शादी कर ली. पाठक ने कहा कि नाबालिग किशोर भी उसी दिन नालंदा सुधार गृह से अदालत में आया. कोर्ट के निर्देश पर अब दोनों साथ रहेंगे. इस मामले में लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की 19 साल हो गई है. इसी वजह से कोर्ट ने दोनों के 4 माह के बच्चे को देखते हुए यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया है.







