• Fri, 17 May, 2024
ओमिक्रॉन के खिलाफ असरदार है एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन, लेकिन इन शर्तों के साथ

ताज़ा खबरें

Updated Fri, 24 Dec 2021 15:42 IST

ओमिक्रॉन के खिलाफ असरदार है एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन, लेकिन इन शर्तों के साथ

नई दिल्ली. कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन  से इस वक्त हड़कंप मचा है. ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन कितनी असरदार है इसको लेकर लगातार रिसर्च चल रहे है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में पाया गया है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की एक बूस्टर खुराक ओमिक्रॉन के खिलाफ असरदार है. एस्ट्राजेनेका वैक्सीन, भारत में कोविशील्ड ब्रांड नाम से मिलते है.

अध्ययन में पाया गया कि तीसरी खुराक लेने के एक महीने बाद एस्ट्राजेनेका वैक्सीन ओमिक्रॉन के खिलाफ लड़ने में सक्षम है. जबकि डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ दूसरी डोज़ के बाद ही ये वैक्सीन असरदार है. भारत में दिए जाने वाले सभी टीकों में कोविशील्ड का योगदान 85 प्रतिशत से अधिक है. इस कारण से, इसे बूस्टर खुराक के लिए एक आदर्श टीका नहीं माना जाता है.

इससे पहले ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन के असर को लेकर अमेरिका से भी एक रिसर्च आई थी. शुरुआती रिसर्च से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि ज्यादातर वैक्सीन भी इसके खिलाफ कारगर नहीं है. बस राहत की बात ये है कि वैक्सीन लेने वाले लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के बाद ज्यादा गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे हैं. ऐसे लोग ओमिक्रॉन के संक्रमण से बच रहे हैं, जिन्होंने बूस्टर डोज़ के साथ फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन ली है. लेकिन अब इसमें एस्ट्राजेनेका का नाम जुड़ गया है.

ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 टीके की दो खुराक लगने के तीन महीने बाद इससे मिलने वाली सुरक्षा घट जाती है. लांसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. ब्राजील और स्कॉटलैंड के आंकड़ों से निकाले गए निष्कर्षों से यह पता चलता है कि एस्ट्राजेनेका टीका लगवा चुके लोगों को गंभीर रोग से बचाने के लिए बूस्टर खुराक की जरूरत है। एस्ट्राजेनेका टीके को भारत में कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है. शोधकर्ताओं ने एस्ट्राजेनेका टीका लगवा चुके स्कॉटलैंड में 20 लाख लोगों और ब्राजील में 4.2 करोड़ लोगों से जुड़े आंकड़े का विश्लेषण किया.

 

Latest news