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राज्य
Updated Sun, 1 Jan 2023 16:42 IST
मुलायम का गढ़ रहे यादवलैंड पर भाजपा लगातार भगवा ध्वज फहराने के लिए कोशिश करती रही है। पिछले चुनाव में सपा से नाराज होने वाले तमाम कद्दावर नेताओं को भाजपा ने जोड़ा। उन्हें संगठन के साथ सियासी मैदान में उतार कर नया संदेश देने का भी काम किया। विधानसभा चुनाव में कुछ हद तक कामयाबी भी मिली। इतना ही नहीं, मुलायम सिंह के निधन के बाद भाजपा ने यहां से उनके शिष्य रघुराज सिंह शाक्य को उम्मीदवार बनाया। वहीं, इस उपचुनाव ने सपा ने अपनी रणनीति बदली। राग द्वेष भुलाकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल को न सिर्फ जोड़ा, बल्कि उपचुनाव से दूर रहने की परंपरा को खत्म कर घर-घर चुनाव प्रचार भी किया। नतीजा रहा कि सपा घर की सीट बचाने में कामयाब रही। उपचुनाव के बाद भी अखिलेश यादव इस इलाके में लगातार सक्रिय हैं। वह विधानसभा क्षेत्रवार लोगों से मिल रहे हैं। अभी तक इस इलाके के ज्यादातर लोगों की पहुंच परिवार के अन्य सदस्यों तक थी। पर, अखिलेश यादव अब सभी को खुद से जोड़ने के अभियान में जुटे हैं।