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एक अर्थी ऐसी भी: नहीं पड़ी बेटे की जरूरत, 8 बहनों ने मिलकर मां को दी मुखाग्नि, अर्थी भी उठाई

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Updated Sat, 10 Jul 2021 11:30 IST

एक अर्थी ऐसी भी: नहीं पड़ी बेटे की जरूरत, 8 बहनों ने मिलकर मां को दी मुखाग्नि, अर्थी भी उठाई

बालाघाट/आशीष श्रीवासः मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में पुरानी मान्यताओं से परे एक अनोखा अंतिम संस्कार देखने को मिला. माना जाता रहा है कि शव की चिता को मुखाग्नि बेटा देता है. लेकिन जिले से सामने आईं तस्वीरों ने बताया कि अंतिम संस्कार के लिए बेटे की जरूरत नहीं. यहां मां के निधन पर उनकी आठ बेटियों ने उनका अंतिम संस्कार किया. इस पूरे नजारे को जिसने भी देखा उनकी आंखें भर आईं. 

बड़ी बेटी के साथ रह रही थी मां

जिले के कटेदरा गांव निवासी भूरनबाई पिछले कुछ सालों से अपनी बड़ी बेटी के साथ डोंगरिया गांव में रह रही थी. उनका 85 साल की उम्र में निधन हो गया. भूरनबाई के पति का कुछ समय पहले ही देहांत हो गया. उनका कोई बेटा नहीं था, ऐसे में आठ बेटियां आगे आईं और उन सभी ने मिलकर मां का अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी उठाई. 

 

 

रीति-रिवाज के साथ किया अंतिम संस्कार

बेटियों ने इस फैसले के बारे में गांव वालों को बताया, उन्हें गांववालों से भी पूरा समर्थन मिला. शुक्रवार को इन बेटियों ने पुरानी मान्यताओं से परे जाते हुए अपना सांसारिक धर्म निभाया. इन बहनों ने मां को मुखाग्नि देने के साथ ही उनकी अर्थी को कंधा भी दिया. आसपास के क्षेत्र में बहनों के इस काम की चर्चाएं हो रही हैं. 

मंदिरा बेदी भी आई थीं चर्चा में

करीब एक हफ्ते पहले इंटरनेट पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा था. बॉलीवुड अभिनेत्री मंदिरा बेदी के पति राज कौशल की मौत 30 जून को हुई. जिसके बाद मंदिरा ने ही अर्थी को कंधा दिया और अंतिम संस्कार पूरा किया था. उनका वीडियो वायरल होने के बाद कई इंटरनेट यूजर्स ने उन्हें जींस-टीशर्ट पहनने और कई अन्य वजह से ट्रोल करने की कोशिश की. लेकिन पुरानी मान्यताओं को तोड़ती मंदिरा की इस पहल का बॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियों ने दिल खोलकर समर्थन किया.   

 

 

 

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