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अमेरिका में मिला 55 फीट लंबा समुद्री राक्षस, सिर की साइज देख डर जाएंगे आप

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Updated Fri, 24 Dec 2021 14:57 IST

अमेरिका में मिला 55 फीट लंबा समुद्री राक्षस, सिर की साइज देख डर जाएंगे आप

Sea Monster Ichthyosaur Discovered in US: एक पूर्ण विकसित सिंबोस्पोंडिलस यंगोरम की लंबाई 55 फीट तक मापी गई है. जीवित रहने के दौरान इस जीव का वजन 45 टन तक होता था. इसके आकार और दांतों की लंबाई को देखते हुए वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह छोटी मछलियों को खाता था.

  अमेरिका में वैज्ञानिकों की एक टीम ने डायनासोर के समय के एक समुद्री राक्षस (Sea Monster) की खोज की है. इस जीव की लंबाई 55 फीट तक देखी गई है. इस जीव के सिर का आकार 6.5 फीट मापा गया है. इस जीव का नाम इचिथ्योसॉर (ichthyosaur) है, जो समुद्री मछली का ही एक प्रकार है. रिसर्च से पता चला है कि मछली के आकार के इन समुद्री सरीसृपों (Reptiles) का आकार 24 करोड़ साल पहले काफी तेजी से बढ़ा.

अमेरिका में वैज्ञानिकों की एक टीम ने डायनासोर के समय के एक समुद्री राक्षस (Sea Monster) की खोज की है. इस जीव की लंबाई 55 फीट तक देखी गई है. इस जीव के सिर का आकार 6.5 फीट मापा गया है. इस जीव का नाम इचिथ्योसॉर (ichthyosaur) है, जो समुद्री मछली का ही एक प्रकार है. रिसर्च से पता चला है कि मछली के आकार के इन समुद्री सरीसृपों (Reptiles) का आकार 24 करोड़ साल पहले काफी तेजी से बढ़ा.

 कैलिफोर्निया के स्क्रिप्स कॉलेज में जीव विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर और वरिष्ठ शोधकर्ता लार्स शमित्ज ने अपनी स्टडी में कहा है कि इचिथ्योसॉर ने व्हेल की तुलना में अपने आकार को काफी तेजी से बढ़ाया है. वह भी उस समय में जब धरती से डायनासोर जैसे जीव तेजी से विलुप्त हो रहे थे.

कैलिफोर्निया के स्क्रिप्स कॉलेज में जीव विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर और वरिष्ठ शोधकर्ता लार्स शमित्ज ने अपनी स्टडी में कहा है कि इचिथ्योसॉर ने व्हेल की तुलना में अपने आकार को काफी तेजी से बढ़ाया है. वह भी उस समय में जब धरती से डायनासोर जैसे जीव तेजी से विलुप्त हो रहे थे.

 शोधकर्ताओं ने उत्तर-पश्चिमी नेवादा के ऑगस्टा पर्वत की चट्टानों में पहली बार 1998 में प्राचीन इचिथ्योसॉर के जीवाश्मों की खोज की थी. इसमें से कुछ हड्डियां चट्टानों के बाहर तक निकली हुई मिली थीं. वैज्ञानिकों ने इससे अंदाजा लगाया कि इस जीव का आकार काफी विशाल था.

शोधकर्ताओं ने उत्तर-पश्चिमी नेवादा के ऑगस्टा पर्वत की चट्टानों में पहली बार 1998 में प्राचीन इचिथ्योसॉर के जीवाश्मों की खोज की थी. इसमें से कुछ हड्डियां चट्टानों के बाहर तक निकली हुई मिली थीं. वैज्ञानिकों ने इससे अंदाजा लगाया कि इस जीव का आकार काफी विशाल था.

 प्रसिद्ध जर्नल साइंस में 23 दिसंबर को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि इन जीवाश्मों को लॉस एंजिल्स के नेचुरल साइंस म्यूजियम लेकर जाया गया. वैज्ञानिकों ने इस जीव का थ्री डी मॉडल बनाया और जीवाश्मों का विश्लेषण किया. टीम ने नई प्रजाति का नाम सिंबोस्पोंडिलस यंगोरम रखा है. यह बड़े जबड़े वाला समुद्री सरीसृप 24 करोड़ साल पहले ट्राइसिक काल के दौरान रहता था.

प्रसिद्ध जर्नल साइंस में 23 दिसंबर को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि इन जीवाश्मों को लॉस एंजिल्स के नेचुरल साइंस म्यूजियम लेकर जाया गया. वैज्ञानिकों ने इस जीव का थ्री डी मॉडल बनाया और जीवाश्मों का विश्लेषण किया. टीम ने नई प्रजाति का नाम सिंबोस्पोंडिलस यंगोरम रखा है. यह बड़े जबड़े वाला समुद्री सरीसृप 24 करोड़ साल पहले ट्राइसिक काल के दौरान रहता था.

 एक पूर्ण विकसित सिंबोस्पोंडिलस यंगोरम की लंबाई 55 फीट तक मापी गई है. जीवित रहने के दौरान इस जीव का वजन 45 टन तक होता था. इसके आकार और दांतों की लंबाई को देखते हुए वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह छोटी मछलियों को खाता था. (एजेंसी इनपुट)

एक पूर्ण विकसित सिंबोस्पोंडिलस यंगोरम की लंबाई 55 फीट तक मापी गई है. जीवित रहने के दौरान इस जीव का वजन 45 टन तक होता था. इसके आकार और दांतों की लंबाई को देखते हुए वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह छोटी मछलियों को खाता था.

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